दिल्ली सरकार का मॉडल विफल हो गया है: चंद्रबाबू नायडू

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नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) पर सोमवार को तीखा हमला करते हुए बुनियादी ढांचे के विकास की कमी को लेकर उस पर निशाना साधा और दिल्ली के मॉडल को ‘‘पूरी तरह विफल’’ करार दिया।

नायडू की पार्टी तेदेपा केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी है। उन्होंने ‘आप’ सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में ‘‘हाफ इंजन वाली सरकार’’ है और विकास हासिल करने के लिए ‘‘डबल इंजन वाली सरकार’’ की जरूरत है।

राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव प्रचार अभियान के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ‘‘दिल्ली को मौसम और राजनीतिक प्रदूषण’’ ने जकड़ रखा है।

नायडू ने कहा कि विचारधारा नहीं, बल्कि प्रदर्शन और बेहतर जीवन स्तर प्रासंगिक होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में गरीब लोगों को सोचना होगा कि क्या वे हमेशा हमेशा के लिए झुग्गियों में रहना चाहते हैं।’’

उन्होंने धन सृजन के बिना कल्याणकारी राजनीति की स्थिरता पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘धन सृजन किए बिना किसी नेता को धन वितरित करने का क्या अधिकार है?’’

नायडू ने 1978 से अब तक के अपने राजनीतिक अनुभव का हवाला देते हुए दिल्ली की वर्तमान स्थिति और करियर निर्माण के केंद्र के रूप में इसकी पूर्व की स्थिति के बीच के अंतर को उजागर किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिल्ली करियर बनाने का केंद्र हुआ करती थी। दिल्ली हमारा गौरव थी। आज कोई भी यहां नहीं आता। लोग आजीविका और अवसरों के लिए दिल्ली से अन्य स्थानों पर जा रहे हैं।’’

तेदेपा प्रमुख ने विशेष रूप से दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार की आलोचना की तथा पिछले दशक में राष्ट्रीय राजधानी में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी पर सवाल उठाया।

उन्होंने पानी की गुणवत्ता से जुड़ी समस्याओं का हवाला देते हुए दावा किया कि अमृत और जल जीवन मिशन जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के बावजूद निवासी ‘‘पीने ​​के पानी और नाले के पानी में अंतर नहीं कर पाते हैं।’’

विकास परियोजनाओं के बारे में उन्होंने पूछा कि क्या ‘‘पिछले 10 वर्षों में कोई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं आई हैं? मेट्रो बहुत पहले आ गई थी। कुछ भी नहीं किया गया।’’

नायडू ने दिल्ली की विवादास्पद शराब नीति को भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की तुलना में ‘‘सबसे बुरा घोटाला’’ करार दिया और शराब में अशुद्धियों को कम करने के लिए 1995 में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) शुरू करने के अपने अनुभव के बारे में बताया।

विकास-केंद्रित दृष्टिकोण की वकालत करते हुए नायडू ने गरीबी दूर करने के लिए अपना ‘‘पी4’’ मॉडल – सार्वजनिक, निजी और लोगों की भागीदारी, को प्रस्तावित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि जीवन स्तर में सुधार के लिए उच्च-आय वाले शीर्ष 10 प्रतिशत व्यक्तियों को कम आय वाले 20 प्रतिशत लोगों को गोद लेना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए नायडू ने 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने के दृष्टिकोण का समर्थन किया।

उन्होंने 1995 के अपने ‘‘हैदराबाद मॉडल’’ की सफलता का हवाला दिया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने हैदराबाद को तेलंगाना में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले शहर के साथ ‘‘सबसे अधिक रहने योग्य स्थान’’ बना दिया है।

कांग्रेस-आप के बीच मतभेद पर नायडू ने विचारधारा से ज्यादा विकास पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘बाएं नहीं, दाएं रहें, तभी आप आगे बढ़ सकते हैं। नहीं तो बाएं तरफ रहने पर आपको नजरअंदाज कर दिया जाएगा और अलग-थलग कर दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘सही विकास ही सही राजनीति है।’’

आंध्र के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ टिकाऊ आय का सृजन ही कल्याणकारी उपायों का समर्थन कर सकता है।

नायडू ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने 30 साल में संपत्ति बनाई और सब कुछ प्रबंधित कर लिया। कुछ लोग आएंगे और सब कुछ नष्ट कर देंगे। यह किसका हित है? हमें इस पर चर्चा करनी होगी। विकास जारी रहना चाहिए और आप सस्ती लोकप्रियता के लिए राजनीतिक और सार्वजनिक नीतियों से विकास को पटरी से नहीं उतार सकते।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 के दौरान कल्याणकारी कदम उठाए और विकसित देशों ने भी ऐसा किया, लेकिन सरकार का ध्यान लोगों को सशक्त बनाने पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोई विकास नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘नेताओं को हमेशा आज, कल और भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। अच्छी सार्वजनिक नीति वाली सरकार समाज को बदल सकती है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बजट 2025 का पूरा समर्थन करती है क्योंकि इसका लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना है।

नायडू ने कहा, ‘‘हम उनसे सहमत हैं। हम खुश हैं। यह हमारे विकास के 10 सिद्धांतों के साथ मेल खाता है।’’

दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होगा और नतीजे आठ फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

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