कारोबारी गतिविधियां सुस्त रहने से तेल-तिलहन कीमतों में मामूली घट-बढ़
Focus News 17 February 2025 0
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में सुधार के बावजूद शिकॉगो एक्सचेंज आज बंद रहने के कारण कारोबारी गतिविधियां प्रभावित होने के बीच सोमवार को घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट रही, जबकि सस्ता होने के बीच मांग बढ़ने से बिनौला तेल में सुधार दर्ज हुआ। सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल पूर्वस्तर पर बने रहे।
मलेशिया एक्सचेंज में लगभग एक प्रतिशत का सुधार था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज आज बंद है। विश्व का खाद्य तेल बाजार मुख्य रूप से शिकॉगो के हिसाब से ही चलता है। यहां बाजार खुलने पर ही कारोबारी गतिविधियों में हलचल की उम्मीद की जा सकती है। मलेशिया में खाद्य तेलों के भाव वैसे ही ऊंचा बोले जा रहे हैं जहां सट्टेबाजी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सामान्य कामकाज के बीच और शिकॉगो एक्सचेंज बंद रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन में मामूली गिरावट दर्ज हुई। वैसे सस्ता होने की वजह से सरसों की मांग कायम है। सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) का दाम कम मिलने के कारण सोयाबीन तिलहन में गिरावट है। अगले दो तीन महीने में सोयाबीन की बिजाई भी होनी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये कि जो दुर्गति इस बार मूंगफली और सोयाबीन की हुई है कि इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बेशक हर साल बढ़ाये जा रहे हों लेकिन हाजिर बाजार में सोयाबीन एमएसपी से काफी कम दाम यानी लगभग 4,000 रुपये क्विंटल के भाव बिक रहा है। इसके अलावा इसमें लगभग 82 प्रतिशत डीओसी निकलता है जिसके दाम काफी कम मिल रहे हैं। ऐसे में सोयाबीन की पेराई करने में मिलों को भारी नुकसान है। इस स्थिति में किसान कैसे आगे तिलहन उत्पादन बढ़ाने के बारे में सोचेंगे?
सूत्रों ने कहा कि बाजार में महंगे दाम वाले सूरजमुखी और पामोलीन की कमी को पूरा करने का दबाव बिनौला पर है। नमकीन बनाने वाली कंपनियां सूरजमुखी तेल की कमी को बिनौला से पूरा कर रही हैं जो सरसों की ही तरह सस्ता है। इस मांग की वजह से केवल बिनौला तेल में सुधार आया।
सामान्य कामकाज और सुस्त कारोबारी गतिविधियों के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहै।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,100-6,200 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,475-5,800 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,165-2,465 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,290-2,390 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,290-2,415 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,600 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,225-4,275 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,925-4,025 रुपये प्रति क्विंटल।