भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए, आप ने भाजपा को दलित विरोधी बताया

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) तीन बार के भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को सोमवार को आठवीं दिल्ली विधानसभा के प्रथम सत्र में नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया।

दिल्ली विधानसभा में विजेंद्र गुप्ता के अध्यक्ष चुने जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से नारेबाजी के बीच 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने भाजपा पर ‘दलित विरोधी और सिख विरोधी’ होने का आरोप लगाया।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रोहिणी सीट से निर्वाचित विधायक के चुनाव के लिए दो प्रस्ताव पेश किए। एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने और दूसरा कैबिनेट मंत्री रविंदर इंद्राज ने पेश किया।

इन प्रस्तावों का समर्थन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश वर्मा ने किया। इन प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। चुनाव ‘प्रोटेम स्पीकर’ अरविंदर सिंह लवली ने कराया।

चुनाव के बाद मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नये विधानसभा अध्यक्ष को उनके आसन तक ले गए।

नये विधानसभा अध्यक्ष को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘आपका अनुभव और ज्ञान विधानसभा के लिए बहुमूल्य साबित होगा। हमें बोलने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। आपने इस पद तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा संघर्ष नहीं होगा और आप सदन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे।’’

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने गुप्ता को शुभकामनाएं देते हुए भाजपा पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली विधानसभा का नेतृत्व एक ऐसी पार्टी कर रही है जो दलित और सिख विरोधी है। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं, जो उसके दलित विरोधी रुख को दर्शाता हैं।’’

आतिशी ने ‘एक्स’ पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, ‘‘भाजपा ने अपना असली दलित विरोधी और सिख विरोधी चेहरा दिखा दिया है। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं।’’

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से आंबेडकर के लाखों अनुयायियों को ठेस पहुंची है।

केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली की नयी भाजपा सरकार ने बाबासाहेब की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगा दी। यह सही नहीं है। इससे बाबासाहेब के लाखों अनुयायियों को ठेस पहुंची है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा भाजपा से एक अनुरोध है। आप प्रधानमंत्री की तस्वीर लगा सकते हैं, लेकिन बाबासाहेब की तस्वीर न हटाएं। इसे ऐसे ही रहने दें।’’

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