दफ्तर की मांग बढ़ने से औसत किराया बढ़ा, बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 26 प्रतिशत वृद्धि: एनारॉक

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नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) देश के सात प्रमुख शहरों में दफ्तरों की अधिक मांग के कारण कार्यालयों का औसत किराया बढ़ा है। इसमें बेंगलुरु में पिछले पांच साल में औसत किराया 26 प्रतिशत बढ़कर 93 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया है।

रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक ने देश के सात प्रमुख संपत्ति बाजारों- दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए।

इन सात शहरों में बेंगलुरु सबसे आगे है, जहां औसत कार्यालय किराया 26 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 93 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया। साल 2019 में यहां औसत किराया 74 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह था।

हैदराबाद में मासिक कार्यालय किराया 2019 में 56 रुपये प्रति वर्ग फुट से 25 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 67 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया। चेन्नई में कार्यालय स्थल किराया 2019 में 60 रुपये प्रति वर्ग फुट से 20 प्रतिशत की वृद्धि होकर 75 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।

एनारॉक के प्रबंध निदेशक (वाणिज्यिक पट्टा और परामर्श) पीयूष जैन ने कहा, “कार्यालय स्थल की खपत में सबसे अधिक हिस्सेदारी दक्षिणी शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में देखी गई है।”

कुशल कार्यबल की उपलब्धता के साथ मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी अवसंरचना परिवेश ने इन दक्षिणी शहरों में मांग, आपूर्ति और किराया बढ़ाया है।

दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में कार्यालय स्थल का किराया सबसे कम बढ़ा। यहां किराया 2019 में 78 रुपये प्रति वर्गफुट से 10 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 86 रुपये प्रति वर्गफुट हो गया।

पुणे में किराया 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 81 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया, जो 2019 में 68 रुपये प्रति वर्ग फुट था।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में किराया 13 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 140 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया, जो 2019 में 124 रुपये प्रति वर्ग फुट था।

कोलकाता में औसत कार्यालय किराया बढ़कर 62 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया, जो 2019 में 52 रुपये प्रति वर्ग फुट था।

जैन ने कहा, ‘‘चूंकि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, वैश्विक कंपनियां विस्तार के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने पर विचार करेंगी। स्टार्ट-अप परिवेश ने फिर से गति पकड़ ली है और वे भी बीएफएसआई (बैंक, वित्तीय सेवा और बीमा) के साथ-साथ कार्यालय की मांग को गति देंगे।”

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