गुवाहाटी, 20 फरवरी (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों के लिए जारी उस परामर्श को वापस ले लिया है, जिसमें उन्हें राज्य की यात्रा न करने की सलाह दी गई थी।
हालांकि, उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को असम के उन चार जिलों की यात्रा करने से बचने को कहा है, जहां सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) लागू है।
शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को राज्य की यात्रा के खिलाफ जारी प्रतिबंधों की समीक्षा की है और संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि वे तिनसुकिया, चराइदेव, डिब्रूगढ़ और शिवसागर को छोड़कर असम के सभी जिलों की यात्रा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक अब राज्य के उन सभी हिस्सों में आ सकते हैं, जहां अफस्पा लागू नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग ने हमें भरोसा दिलाया है कि अगर इन चार जिलों से अफस्पा हटा लिया जाता है, तो वे पूरे राज्य से प्रतिबंध हटा देंगे।”
ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण अपने नागरिकों को असम की यात्रा न करने की सलाह जारी की है।
शर्मा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि जर्मनी भी जल्द ही यात्रा प्रतिबंध हटा लेगा।”
उन्होंने बताया कि 35 मिशन के प्रमुखों ने 24 फरवरी से शुरू होने वाले दो दिवसीय व्यापार शिखर सम्मेलन ‘एडवांटेज असम’ में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है और यह संख्या 50 तक जा सकती है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, विदेशी राजदूतों का प्रतिनिधिमंडल 23 फरवरी को असम पहुंचेगा और उसी दिन काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करेगा। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को प्रतिनिधिमंडल “झुमोर बिनंदिनी” को लेकर एक विश्व रिकॉर्ड का गवाह बनेगा, जो राज्य के चाय जनजाति समुदाय का पारंपरिक नृत्य है, जबकि 25 फरवरी को वह व्यापार शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेगा।
शर्मा के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मिशन प्रमुखों को असम पहुंचाने के लिए एक विशेष विमान की व्यवस्था की है, जिसका खर्च विदेश मंत्रालय वहन करेगा। उन्होंने बताया कि पीएमओ और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेशी राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष पहल की है।
शर्मा के मुताबिक, पांच देशों-सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, भूटान और जापान -के उच्च स्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, जबकि मलेशिया भी इसमें शामिल हो सकता है।