गुवाहाटी, 26 फरवरी (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है, जहां विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार और कुशल कार्यबल है।
मुख्यमंत्री ने यहां ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन’ के समापन के दिन कहा कि असम ने चार चालू रिफाइनरियों और 74.5 लाख टन की संयुक्त शोधन क्षमता के साथ भारत के तेल उद्योग में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिससे देश को ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
‘असम की ऊर्जा क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल: भविष्य के लिए तैयार तेल व गैस अवसंरचना का निर्माण, नवाचार व वैश्विक ऊर्जा परिवर्तनों में निवेश’ विषय पर आयोजित सत्र में उन्होंने कहा कि तेल उद्योग ने 19वीं सदी के अंत में गति पकड़ी थी। देश के प्राकृतिक गैस भंडार का 12 प्रतिशत हिस्सा राज्य में है और यह भारत की आधी प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है।
इस सत्र में तेल व गैस क्षेत्र में असम की रणनीतिक पहल पर चर्चा की गई, जिसमें वैश्विक ऊर्जा बदलावों के अनुरूप ऊर्जा अवसंरचना विकास, नवाचार तथा निवेश अवसरों पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र क्रैकर एंड पॉलीमर लिमिटेड (बीसीपीएल), असम पेट्रो-केमिकल्स लिमिटेड (एपीएल) और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) जैसी पेट्रोरसायन क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां भी राज्य के राजस्व में अच्छा-खासा योगदान देती हैं, जिनकी रॉयल्टी तथा कर राशि सालाना 11,700 करोड़ रुपये से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कोकराझार और अमगुरी में कई सीएनजी खुदरा परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया।