असम विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित, सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के सदस्यों का हंगामा

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गुवाहाटी, 19 फरवरी (भाषा) असम विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को तीन बार स्थगित करनी पड़ी क्योंकि सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के सदस्य अन्य नियमित कामकाज को स्थगित करके विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे।

विपक्ष चार बार स्थगन प्रस्ताव लाया जबकि सत्तारूढ़ दल ने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) से जुड़े ‘नौकरी के बदले नकद’ घोटाले की हालिया रिपोर्ट पर चर्चा कराने की मांग की।

ये स्थगन प्रस्ताव कांग्रेस द्वारा उमरंगसो की कोयला खदान त्रासदी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा कोयला और अन्य गिरोह, ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ (एआईयूडीएफ) द्वारा एक हिरासत केंद्र में भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर यातना देने और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई द्वारा असम लोक सेवा आयोग में ‘पैसे लेकर नौकरी देने’ से जुड़े घोटाले को लेकर पेश किये गए थे।

जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ दोनों पक्ष आसन के सामने आ गए और अपनी मांगों पर जोर देने लगे।

एक दुर्लभ कदम के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने नारे लगाए और विधानसभा अध्यक्ष से एपीएससी घोटाले पर गठित एक सदस्यीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की अनुमति देने की मांग की।

इसके विपरीत पूरा विपक्ष मांग कर रहा था कि अध्यक्ष उनके चारों नोटिस स्वीकार करें। इस बीच एआईयूडीएफ ने उन लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए तख्तियां दिखायीं, जिन्हें कथित तौर पर विदेशी होने के नाम पर प्रताड़ित किया गया और हिरासत केंद्र में रखा गया।

विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने सभी पांच मांगों को खारिज कर दिया और कहा, ‘‘आप अन्य तरीकों से विषयों को उठा सकते हैं। कृपया वापस जाएं और अपनी सीट से मुद्दे को उठाएं।’’ लेकिन किसी ने भी उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और सदन में नारेबाजी जारी रखी।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सदन फिर से शुरू हुआ, तो हंगामा जारी रहने से पहले जैसी स्थिति बनी रही। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरी बार 10 मिनट के लिए और तीसरी बार 20 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

इसके बाद जब विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि सरकार सभी चार मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। इसके बाद दोनों पक्ष के सदस्य शांत हो गए और विधानसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से आगे बढ़ी।

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