अपोलो अस्पताल ने चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उदार वीज़ा नीति की मांग की

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) अपोलो हॉस्पिटल एंटरप्राइज की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत के अस्पतालों में आने वाले विदेशी रोगियों के लिए एक उदार वीजा नीति लाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का इरादा देश में रोगियों की आमद को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ‘हील इन इंडिया’ (भारत में स्वास्थ्य लाभ लें) पहल के साथ मिलकर काम करने का है।

रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसलिए हमारा विचार, भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना और वास्तव में ‘हील इन इंडिया’ को विकसित करना है। हमें उन्नत ई-वीजा की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि थाईलैंड, तुर्किये, फिलीपींस और सिंगापुर जैसे कुछ पड़ोसी देशों में बड़ी संख्या में रोगी आते हैं। इन देशों में ‘आगमन पर वीजा’ की सुविधा है और उनके पास कई देशों के लिए वीजा सुविधा है।

अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रीता रेड्डी ने कहा कि सरकार अब चिकित्सा पर्यटन को बहुत गंभीरता से देख रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वीजा प्रक्रिया को बेहतर बनाने की जरूरत है। हमें आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की जरूरत है। अब हमारे पास कई शहरों में शानदार हवाई अड्डे हैं, इसलिए यह काम लगभग पूरा हो चुका है।’’

भविष्य की विकास योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कई क्षेत्रों में कई संस्थाओं के साथ सहयोग कर रहा है।

रेड्डी ने कहा कि कंपनी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और अन्य संस्थानों के साथ काम कर रही है।

रेड्डी ने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल्स ने अगले पांच वर्षों में अपने अस्पताल नेटवर्क में लगभग 3,000 बिस्तर जोड़ने की घोषणा पहले ही कर दी है।

इसने विस्तार के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना की घोषणा की है।

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