नयी दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि यदि कोई उधारकर्ता स्वर्ण ऋण का भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा सोने की नीलामी के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) समान नियमों द्वारा निर्देशित होते हैं।
उनका कहना था कि यदि कोई उधारकर्ता स्वर्ण ऋण का भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंक या एनबीएफसी को नीलामी के लिए मजबूर होना पड़ेगा, लेकिन एनबीएफसी और बैंकों द्वारा सोने की नीलामी के लिए बहुत अच्छी तरह से निर्धारित और सख्त प्रक्रियाएं हैं।
उन्होंने लोकसभा को बताया कि इन प्रक्रियाओं का पालन एनबीएफसी और बैंकों द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा, “यदि इन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया जाता है, तो वास्तव में इस पर हमें कार्रवाई करनी होगी, लेकिन प्रक्रियाओं का पालन बैंकों द्वारा किया जाता है।’’
वित्त मंत्री ने स्वर्ण ऋण भुगतान में चूक होने पर संस्थाओं द्वारा सोने की नीलामी किए जाने के संबंध में द्रमुक नेता कनिमोझी करुणानिधि के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए यह टिप्पणियां कीं।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में सोने की मांग कम नहीं हुई है और इसके विपरीत, यह बढ़ रही है।