अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में नयी यात्रा शुरू हुई: धनखड़

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कटरा (जम्मू-कश्मीर), 15 फरवरी (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में एक नयी यात्रा शुरू हुई है और यहां के लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का परोक्ष संदर्भ देते हुए धनखड़ ने कहा कि इस धरती के एक महान सपूत ने एक बार ‘एक देश में एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ की मांग उठाई थी और वह सपना अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पूरा हुआ, जो पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था।

उपराष्ट्रपति ने यहां श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के 10वें दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जहां कभी अव्यवस्था थी, वहां अब वास्तविक व्यवस्था और स्थिरता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पीढ़ियों की आकांक्षाओं को उस समय पंख मिले जब 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ अलगाव की संवैधानिक दीवारें ढह गईं। माता वैष्णो देवी की पवित्र भूमि पर एक नयी तीर्थयात्रा शुरू हुई। यह अलगाव से एकीकरण की यात्रा है। अनुच्छेद 370 संविधान में एक अस्थायी अनुच्छेद था।’’

धनखड़ ने कहा कि संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर ने अनुच्छेद 370 को छोड़कर सभी अनुच्छेदों का मसौदा तैयार किया था। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को देखें और जानें कि उन्होंने ऐसा करने से क्यों मना कर दिया था।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीतिक क्षितिज के एक अन्य कद्दावर नेता सरदार वल्लभभाई पटेल ने जम्मू कश्मीर राज्य को छोड़कर बाकी राज्यों को एकीकृत करने का बीड़ा उठाया था।

धनखड़ ने कहा, ‘‘अब बदलाव की बयार शांति और प्रगति लेकर आई है। एक महान सपूत ने ‘एक देश में एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ की मांग की थी और वह पूरी हो गई है।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह पहली बार 1980 के दशक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर आए थे, जब उन्होंने अपने परिवार के साथ गुलमर्ग, सोनमर्ग और अन्य स्थानों की यात्रा की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी यात्रा एक बहुत ही दर्दनाक अनुभव था। मैं 1989 में संसद के लिए निर्वाचित हुआ था। मैं मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में श्रीनगर आया था। हमने श्रीनगर की सड़कों पर 10-12 लोगों को भी नहीं देखा और माहौल निराशा भरा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, हम अब कहां पहुंच गए हैं। राज्यसभा में मेरे लिए यह गौरवपूर्ण क्षण था, जब यह घोषित किया गया कि जम्मू-कश्मीर में दो करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं।’’

धनखड़ ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 35 वर्षों में सबसे अधिक मतदान हुआ था। उन्होंने कहा कि घाटी में मतदाता भागीदारी में 30 अंकों की वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, ‘‘परिवर्तन अदृश्य नहीं है, यह प्रत्यक्ष है। धारणा बदल गई है, जमीनी हकीकत बदल रही है, लोगों की उम्मीदें बढ़ रही हैं।’’

धनखड़ ने कहा कि महज दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर को 65,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो इस क्षेत्र में मजबूत आर्थिक रुचि का संकेत है।

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