अगले महीने कनॉट प्लेस में नये कार्यालय से काम करेगा डब्ल्यूएफआई

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नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने स्वीकार किया कि उसका संचालन पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के आवास से किया जा रहा था लेकिन यह अस्थायी व्यवस्था है और अगले महीने कनॉट प्लेस में नये कार्यालय से काम शुरू हो जाएगा।

डब्ल्यूएफआई को दिसंबर 2023 में खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया था लेकिन पूर्व प्रमुख और पांच बार के भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे उत्पीड़न के मुकदमे के बावजूद महासंघ का काम उनके 21, अशोक रोड स्थित घर से किया जा रहा था।

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम हरि नगर स्थित एक छोटे से कार्यालय से काम करते थे और एक बेहतर जगह की तलाश कर रहे थे लेकिन सरकारी निलंबन की अनिश्चितता के कारण पूर्ण कार्यालय में स्थानांतरित होने में देरी हुई। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बसंत पंचमी पर हम कनॉट प्लेस में नये कार्यालय में चले जाएंगे। यह सब निलंबन के कारण हुआ। उम्मीद है कि इसे हटा दिया जाएगा और हम स्वतंत्र रूप से काम कर पाएंगे। ’’

निलंबन की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने कहा था कि महासंघ का काम पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर के भीतर से चलाना भी उनकी कार्रवाई के कारणों में से एक था।

मंत्रालय ने 21 दिसंबर को नये पदाधिकारियों के चुने जाने के दिन राष्ट्रीय प्रतियोगिता की घोषणा करते समय डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था। नियमों के अनुसार बैठक बुलाने और फैसले की घोषणा करने के लिए 15 दिन का नोटिस आवश्यक था।

लेकिन साल में केवल 10 दिन बचे थे इसलिए 15 दिन के नोटिस के नियम को पूरा करना असंभव था। 15 दिन के इंतजार का मतलब होता कि पहलवानों का एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद हो जाता इसलिए डब्ल्यूएफआई ने तुरंत उत्तर प्रदेश के गोंडा में चैंपियनशिप की घोषणा कर दी।

सिंह पर 2023 की शुरुआत में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवानों द्वारा महीनों तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद उत्पीड़न और धमकाने के साथ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप लगे थे।

पूनिया अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और विनेश हाल ही में विधायक बनी हैं।

डब्ल्यूएफआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई के निलंबन का कोई ठोस आधार नहीं है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता की घोषणा करने में कम समय लेना? क्या यह मजबूत कारण है? हमें ठीक से काम नहीं करने दिया जा रहा है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘याचिका उन पहलवानों ने दायर की जिनका करियर खत्म हो चुका है। अब उनके पास कुछ भी दांव पर नहीं है लेकिन वे खेल और उभरते पहलवानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए टीम भेजने में भी संघर्ष करना पड़ता है। ’’

कुश्ती की विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने अब धमकी दी है कि अगर राष्ट्रीय महासंघ के मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप जल्द ही समाप्त नहीं होता तो भारत को निलंबित किया जा सकता है।

यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल संजय सिंह के नेतृत्व वाली डब्ल्यूएफआई को मान्यता दी है। उसने कहा कि डब्ल्यूएफआई भारत में कुश्ती के खेल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रतिनिधित्व से संबंधित सभी मामलों में उनके लिए एकमात्र मध्यस्थ है।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि डब्ल्यूएफआई की स्वायत्तता बरकरार रखी जानी चाहिए।

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