नौसेना में दो युद्धपोत, एक पनडुब्बी को 15 जनवरी को किया जाएगा शामिल

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नयी दिल्ली, एक जनवरी (भाषा) भारतीय नौसेना में 15 जनवरी को स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों और एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को शामिल किया जाएगा। इससे बल की समग्र प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि तीनों प्लेटफॉर्म – निर्देशित मिसाइल विध्वंसक सूरत, स्टील्थ फ्रिगेट नीलगिरि और पनडुब्बी वाग्शीर – नवीनतम हथियारों और सेंसरों से लैस हैं। युद्धपोत और पनडुब्बी को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में एक समारोह में सेवा में शामिल किया जाएगा।

दोनों युद्धपोतों में महिला अधिकारियों और नाविकों की एक बड़ी संख्या के लिहाज से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जो कि भारतीय नौसेना की अग्रिम पंक्ति की लड़ाकू भूमिकाओं में लैंगिक समावेशन की दिशा में उठाए गए कदमों के अनुरूप है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘यह ऐतिहासिक कार्यक्रम भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा, साथ ही इससे स्वदेशी जहाज निर्माण में देश की प्रमुख स्थिति रेखांकित होगी।’’

तीनों प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई में डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो रक्षा उत्पादन के महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।

नौसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘इन उन्नत युद्धपोतों और पनडुब्बियों को सफलतापूर्वक सेवा में शामिल करना युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में तेज प्रगति को दर्शाता है, जो रक्षा निर्माण में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।’’

नीलगिरि, ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के ​​तहत बनाए जा रहे सात फ्रिगेट में से पहला है, जिसमें महत्वपूर्ण स्टेल्थ विशेषताएं हैं।

प्रोजेक्ट 15बी विध्वंसक, सूरत, कोलकाता-क्लास (प्रोजेक्ट 15ए) विध्वंसकों के अनुवर्ती वर्ग की परिणति है और इसमें डिजाइन और क्षमताओं में पर्याप्त सुधार किये हैं।

दोनों जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और वे मुख्य रूप से भारत में या अग्रणी वैश्विक निर्माताओं के साथ रणनीतिक सहयोग के माध्यम से विकसित उन्नत सेंसर और हथियार पैकेजों से लैस हैं।

आधुनिक उड्डयन सुविधाओं से लैस, नीलगिरि और सूरत कई प्रकार के हेलीकॉप्टरों का संचालन कर सकते हैं, जिनमें चेतक, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, सी किंग और हाल ही में शामिल किए गए एमएच-60आर शामिल हैं।

कलवरी-श्रेणी परियोजना 75 के तहत छठी स्कॉर्पीन-श्रेणी पनडुब्बी वाग्शीर दुनिया की सबसे शांत और बहुमुखी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है। इसे एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियानों सहित कई तरह के मिशन को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है।

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