गायक पी जयचंद्रन को अर्पित की गई श्रद्धांजलि

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त्रिशूर (केरल), 10 जनवरी (भाषा) संगीत और फिल्मी जगत की ओर से गायक पी जयचंद्रन को श्रद्धांजलि दी गई।

जयचंद्रन का 80 वर्ष की आयु में बृहस्पतिवार को शाम करीब सात बजकर 55 मिनट पर यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।

उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में 16 हजार से अधिक गीत गाये हैं। प्रेम, लालसा एवं भक्ति भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करने वाली भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए उन्हें ‘भाव गायकन’ कहा जाता था।

उनका पार्थिव शरीर आज सुबह पूनकुन्नम स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां फिल्म, संगीत और राजनीतिक जगत की प्रमुख हस्तियों सहित अनेक लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।

प्रसिद्ध गीतकार और संगीत निर्देशक श्रीकुमारन थम्पी, राजस्व मंत्री के राजन, वन मंत्री ए के ससींद्रन, दिग्गज कथकली कलाकार कलामंडलम गोपी, गीतकार रफीक अहमद, कांग्रेस नेता वी एम सुधीरन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दिवंगत गायक को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रीकुमारन थम्पी ने कहा, “इतिहास का एक महान अध्याय समाप्त होने जा रहा है। हमारा सिर्फ दो फिल्म निर्माताओं के बीच का रिश्ता नहीं था, बल्कि दो भाइयों के बीच का रिश्ता था।”

अभिनेता मोहनलाल ने दिग्गज गायक को अपना बड़ा भाई बताया। मोहनलाल ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर लिखा, “मेरे प्रिय जयचंद्रन हमें छोड़ कर चले गए। जयचंद्रन, जिनके गीतों में हमेशा जवानी झलकती थी और जो पीढ़ियों तक गूंजते रहेंगे, वह मेरे लिए बड़े भाई जैसे थे।”

अभिनेता ममूटी ने फेसबुक पर गायक की एक तस्वीर साझा की और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “प्रिय ‘भाव गायकन’ (भावुक गायक) को श्रद्धांजलि।”

गायिका के एस चित्रा ने कहा, “जयचंद्रन के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ।”

चित्रा ने फेसबुक पर लिखा, “मैंने अपने स्टेज शो की शुरुआत उनके कॉन्सर्ट में उनके साथ रहकर की। हमें उनका स्वागत करने और उनके साथ अपने घर पर बहुत समय बिताने का सौभाग्य मिला। जब हम त्रिशूर में थे, तो हमने उनसे तीन बार मिलने की कोशिश की। हम बहुत निराश थे क्योंकि हमें उनसे मिलने की अनुमति नहीं मिली।”

उन्होंने कहा, “भगवान गुरुवायुरप्पन के एक परम भक्त के रूप में वे वैकुंठ एकादशी से ठीक पहले हमें छोड़कर चले गए। उनकी आत्मा को शांति मिले। ईश्वर उन्हें इस अनंत संसार में शांति प्रदान करें।”

अभिनेता जयराम ने ‘फेसबुक’ पर लिखा, “मैं उस आवाज के साथ अभिनय करने के लिए भाग्यशाली था। प्रिय ‘भाव गायकन’ को अलविदा।”

गायक जी वेणुगोपाल ने फेसबुक पर लिखा, “एक ऐसी क्षति जो अपने पीछे अकेलेपन की गहरी भावना छोड़ गई है। जब वह बीमार थे उस दौरान उनसे मुलाकात हुई थी। जब वह अस्वस्थ थे, तब भी उनकी बातचीत अक्सर ‘रफी साहब (मोहम्मद रफी)’ के इर्द-गिर्द घूमती थी।”

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “अब मेरे पास केवल उनके सदाबहार गाने हैं। अलविदा, जयचंद्रन।”

गायक के पार्थिव शरीर को संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय रंगमंच में सार्वजनिक श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा। फिर उन्हें पूनकुन्नम स्थित उनके निवास पर वापस ले जाया जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु, फिल्म निर्देशक बालचंद्र मेनन, सत्यन एंथिकाडु और अन्य ने यहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।

शनिवार को सुबह आठ बजे पार्थिव शरीर को एर्नाकुलम जिले के चेंदमंगलम स्थित पैतृक घर ले जाया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, अंतिम संस्कार दोपहर साढ़े तीन बजे होगा।

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