नयी दिल्ली, देश के विभिन्न परिवहन निकायों ने हर साल 24 जनवरी को चालक (ड्राइवर) दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इन निकायों में एएसआरटीयू, बीओसीआई और एआईएमटीसी शामिल हैं।
एसोसिएशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (एएसआरटीयू), बस एंड कार ऑपरेटर्स कनफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने रविवार को देश की अर्थव्यवस्था में चालकों के योगदान को मान्यता देने के लिए ‘चालक दिवस’ को वार्षिक उत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की।
पहला चालक दिवस शुक्रवार को मनाया गया।
एक संयुक्त बयान में कहा गया कि चालक भारत के परिवहन नेटवर्क की जीवन रेखा हैं, जो लाखों लोगों के लिए परिवहन सुनिश्चित करते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देते हैं।
शहरी और ग्रामीण इलाकों में यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने और भारत का 70 प्रतिशत माल ढोने वाले इन गुमनाम नायकों को अक्सर लंबे समय तक काम करना पड़ता है और कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
बयान के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य आठ करोड़ से अधिक वाणिज्यिक चालकों को सम्मानित करना है, जो भारत के परिवहन क्षेत्र की रीढ़ हैं।
देश की व्यापक परिवहन प्रणाली में 15 लाख से अधिक निजी बसें और राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों के तहत 1.5 लाख बसें शामिल हैं, जो प्रतिदिन सात करोड़ से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान करती हैं।
एएसआरटीयू के कार्यकारी निदेशक टी सूर्य किरण ने कहा, ‘‘चालक प्रतिदिन लाखों लोगों की सुरक्षा और परिवहन सुनिश्चित करते हैं। चालक दिवस उनकी कड़ी मेहनत को मान्यता देने और उनके कल्याण में सुधार की दिशा में एक कदम है।’’