लाडकी बहिन योजना के तहत वितरित धनराशि की किसी से भी वसूली नहीं जाएगी: अजित पवार

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मुंबई, 23 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया कि ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत वितरित धनराशि की कोई वसूली नहीं की जाएगी।

वर्ष 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई लाडकी बहिन योजना के तहत आर्थिक रूप से वंचित वर्गों की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भत्ता प्रदान किया जाता है। महाराष्ट्र में इस कार्यक्रम के 2.43 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं, जिससे राज्य के खजाने पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है।

पवार का यह आश्वासन विपक्ष के इस दावे के बीच आया है कि सरकार लाभार्थियों की सूची में कटौती करेगी, अयोग्य व्यक्तियों को वितरित की गई धनराशि वापस लेगी और अंततः योजना को बंद कर देगी।

पवार ने कहा, ‘‘पिछली बार हमारे पास संभावित लाभार्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सीमित समय था। हम हर लाभार्थी के आधार को योजना से जोड़ना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालांकि, दिए गए पैसे की कोई वसूली नहीं की जाएगी।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख (राकांपा) प्रमुख पुणे में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने शरद पवार के साथ मंच साझा किया। शरद पवार अब राकांपा (शरद चंद्र पवार) के प्रमुख हैं।

लाडकी बहिन कार्यक्रम को पिछले साल राज्य चुनावों में महायुति गठबंधन की शानदार जीत का एक प्रमुख कारण माना गया था। उसने मासिक राशि बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया है।

शरद पवार के साथ हुई चर्चा के बारे में पूछे जाने पर राकांपा प्रमुख अजित पवार ने कहा, ‘‘हमने चीनी से जुड़े मामलों पर बात की। सहकारिता, आबकारी, कृषि और बिजली विभाग चीनी कारोबार से जुड़े हैं। हमने वसंतदादा शु्गर इंस्टीट्यूट से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कृषि विभाग के कामकाज की समीक्षा की और सरकारी योजनाओं के संभावित दुरुपयोग को उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार लोगों के लाभ के लिए योजनाएं पेश करती है, तो हमेशा कुछ बेईमान तत्व अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही मामला एक रुपये की फसल बीमा योजना के साथ हुआ है।’’

इससे पहले, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा था कि किसानों के लिए एक एक रुपये की फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताएं थीं, उन्होंने कहा कि लाभ का दावा करने के लिए उपासना स्थलों को कृषि भूमि के रूप में दिखाया गया।

जिला प्रभारी मंत्रियों को लेकर शिवसेना और राकांपा के बीच कथित टकराव पर पवार ने कहा, ‘‘जिला प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारी अपने कैबिनेट सहयोगियों को सौंपना मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) का विशेषाधिकार है। वह दावोस से लौटने के बाद फैसला करेंगे।’’

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