यह सच है कि मुंह से निकली बात और कमान से निकले तीर एक समान हैं। इन्हें वापस नहीं लिया जा सकता। मुंह से निकलने शब्दों को तो बिलकुल भी वापस नहीं लिया जा सकता, इसलिए जरा नाप-तोलकर ही बोलें। कई बार हम अनजाने में ही किसी को कुछ भी बोल देते हैं जिससे उसे काफी ठेस पहुंचती है जिसके लिए बाद में पछतावे के सिवाय कुछ नहीं रहता। इसलिए हमेशा वे शब्द बोलें जो किसी के दिल को कोई ठेस न पहुंचाएं। आज के युग में सफलता का राज भी जुबां के पीछे ही छिपा है, इसलिए जरा नाप-तोलकर ही बोलें। हमेशा ऐसे शब्द बोलें जिससे आपका जादू सामने वाले पर छा जाये। आखिर शब्दों में सारा जादू छिपा है। आजादी से पूर्व क्रांति स्वतंत्राता सेनानियों के शब्दों के जादू का ही तो परिणाम थी। इस हाइटेक युग में भी शब्दों का जादू बरकरार है। नेता भी वही होता है जो अपने शब्दों से जनता का मन मोह ले। सफलता के शीर्ष पर पहुंचने वाले लोगों के शब्दों में सारा राज छिपा होता है। निर्भर करता है सही बात को सही समय कहने के ढंग पर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने शब्दों के सहारे ही अहिंसा का मार्ग चुना। उनकी बातें हर किसी पर अपना जादू चलाती थीं। किसी क्षेत्रा में सफलता हासिल करने के लिए अपने बोलने के तरीके को इस तरह विकसित करें कि आपकी बातों का जादू दूसरे पर चल जाये और उसे कोई चोट भी न पहुंचे। किसी एक की बात कभी दूसरे के सामने न खोलें। आप इन बातों से दूर रहेंगे तो सबके विश्वास के पात्रा बनेंगे। मजाक-मजाक में बातें करते वक्त भी अपनी निजी बातें अपने मित्रों या रिश्तेदारों के सामने न खोलें। यदि कोई आपको टटोल- टटोलकर कुछ पूछना चाह रहा है तो उसकी घुमाई हुई बातों का इशारा साफ समझ जायें। कहीं ऐसा न हो कि उसकी मीठी बातों में आकर आप सब कुछ उगल दें। किसी की भी पीठ पीछे बुराई करते वक्त यह जरूर ध्यान रखें कि यदि उसे आपकी इस बात का पता चलेगा तो क्या होगा? न तो किसी की स्वयं बुराई करें और न ही किसी की बुराई किसी अन्य से सुनें। किसी की ज्यादा तारीफ भी आपको नहीं करनी चाहिए। इसका भी आपकी इमेज पर गलत असर पड़ सकता है। गॉसिप के रूप में फिजूल बातें करने से बचिये। ये आपको किसी परेशानी में भी डाल सकती हैं। हमेशा अपनी ही मत कहिये। सुनने की भी आदत डालिये। इससे आप सही सोचने पर मजबूर होंगी। सही समय पर अपनी बात को रखिये। कहीं भी ज्यादा बोलने से बचें। बोलें उतना ही जितना कि सुनने वाले बर्दाश्त कर सकें। ऐसा न हो कि आप बोलती ही जा रही हैं और सामने वाले ने सिर पकड़ रखा है।