आगरा, विश्व धरोहर ताजमहल के परिसर में इसका निर्माण करवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां का 370वां उर्स रविवार को शुरू हो गया। ताजमहल में इस तीन दिवसीय उर्स की शुरुआत शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज महल की मजारों पर चादरपोशी के साथ हुई।
ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक (पुरातत्व विभाग) प्रिंस वाजपेई ने बताया कि शाहजहां के सालाना उर्स के तहत रविवार दोपहर दो बजे ताज उर्स कमेटी और पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने ताज महल का तहखाना खोला, जिसके बाद वहां स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों पर फूलों की चादर पेश की गई।
वाजपेई के मुताबिक, “शाहजहां और मुमताज की कब्रों पर फातेहा पढ़ा गया और दुआ मांगी गई। इस दौरान, ताजमहल के मुख्य गुंबद के बाहर कव्वालों ने सूफी कलाम से समां बांधा।”
वाजपेई ने बताया कि उर्स के दौरान तीन दिन तक ताजमहल का तहखाना खुला रहेगा और पर्यटक शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को देख पाएंगे। आम दिनों में यह तहखाना बंद रहता है।
उन्होंने बताया, “26 जनवरी को शुरू हुआ यह उर्स 28 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान, पहले और दूसरे दिन आम पर्यटकों के लिए दोपहर दो बजे के बाद ताजमहल देखने का कोई शुल्क नहीं लगेगा। वहीं, तीसरे दिन पर्यटक पूरे दिन मुफ्त में ताजमहल का दीदार कर सकेंगे।”
ताज सुरक्षा के सहायक पुलिस आयुक्त सैय्यद अरीब अहमद ने कहा, “भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी पर्यटक को कोई दिक्कत न हो।”