पणजी, 22 जनवरी (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की उस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर को ”गोवा की पहचान से एलर्जी” थी।
सावंत ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”विजय का बयान सिर्फ गलत जानकारी नहीं, बल्कि गोवा के पहले मुख्यमंत्री की विरासत का अपमान है।”
सावंत ने इस ‘भाऊसाहेब विरोधी और गोवा विरोधी बयानबाजी’ की आलोचना की और इसे गोवा की भावना के खिलाफ बताया।
16 जनवरी को आम आदमी पार्टी के विधायक वेंज़ी विगास ने दक्षिण गोवा जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक जल-मल शोधन संयंत्र के उद्घाटन के दौरान वर्तमान मुख्यमंत्री सावंत की तुलना गोवा को लेकर उनके नजरिए के लिए बांदोडकर से की थी।
मंगलवार को सरदेसाई ने विगास की टिप्पणी को ‘बेहद हास्यास्पद’ बताया। जीएफपी प्रमुख ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री की तुलना बांदोडकर से करना ‘पूरी तरह से मजाक’ है।
सरदेसाई ने दावा किया, ”मैं इन दोनों में एकमात्र समानता यह देखता हूं कि ये दोनों गोवा की अनूठी पहचान और भावना को कमजोर करने की मंशा रखते हैं और गोवा को महाराष्ट्र के विस्तारित क्षेत्र के रूप में चलाना चाहते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सावंत को ‘गोयंची अस्मिताई’ (गोवा की पहचान) से एलर्जी है। सरदेसाई ने कहा, ”इसी तरह, बांदोडकर को भी गोयंची अस्मिताई से एलर्जी थी।”
सरदेसाई की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने एक्स पर लिखा, ”भाऊसाहेब बांदोडकर को कभी गोवा की अस्मिता से एलर्जी नहीं थी! यह कहना कि भाऊसाहेब ने गलती की या उन्हें गोवा की पहचान से एलर्जी थी, सिर्फ गलत जानकारी नहीं, बल्कि गोवा के पहले मुख्यमंत्री की विरासत का अपमान है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”भाऊसाहेब एक कद्दावर नेता थे, जिन्होंने गोवा की पहचान और विकास के लिए काम किया। असली समस्या विजय सरदेसाई और उनके अहंकार में है, जो उन्हें यह भ्रम देता है कि उनके जैसे लोग दूसरों से ‘ज्यादा गोवावासी’ हैं।”
सावंत ने कहा, ”मैं इस भाऊसाहेब विरोधी और गोवा विरोधी बयानबाजी की पूरी तरह से निंदा करता हूं। इस तरह की टिप्पणी गोवा की भावना के प्रति अनादर है।”