ओडिशा में पवित्र स्नान, मंदिरों में दर्शन और मकर चौला के साथ मनाई गई संक्रांति

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भुवनेश्वर, 14 जनवरी (भाषा) ओडिशा में मंगलवार सुबह मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों लोगों ने नदियों और अन्य सरोवरों में पवित्र डुबकी लगाई।

नयी दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री माझी क्योंझर जिले में अपने घर गए और पटना क्षेत्र में बैतरणी नदी में डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने पास के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की।

सुबह से ही खुर्दा जिले के अत्रि स्थित हाटकेश्वर मंदिर, कटक के धबलेश्वर मंदिर, बालासोर के मकर मुनि मंदिर और सुंदरगढ़ के बाबा बाणेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने लिंगराज मंदिर में पूजा-अर्चना की।

तीर्थ नगरी पुरी में भी लोगों की भीड़ देखी गई, जहां लोग ‘मकर चौरासी बेशा’ पर भगवान जगन्नाथ के ‘दर्शन’ के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए। इस दिन भगवान जगन्नाथ को रंग-बिरंगे फूलों और तुलसी की मालाओं से सजाया जाता है।

उगते सूर्य की एक झलक पाने के लिए सुबह-सुबह कोणार्क के चंद्रभागा समुद्र तट और सदियों पुराने सूर्य मंदिर पर भारी भीड़ जमा हो गई थी।

कटक और राउरकेला में लोगों ने रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाकर यह त्योहार मनाया जो एक परंपरा है।

दक्षिण ओडिशा में लोगों ने अपने घरों के सामने ‘रंगोली’ से सजावट की। दक्षिण ओडिशा में तेलुगु लोगों की अच्छी खासी आबादी है।

राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, “मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार सूर्य की पूजा करने से परिवार और समाज में सुख-समृद्धि आती है।”

उन्होंने कहा, “यह केवल धार्मिक त्योहार नहीं है बल्कि भाईचारे, सामाजिक सद्भाव और एकता का त्योहार है।”

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