भारत की स्वतंत्रता पर आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी ‘राष्ट्र-विरोधी’: के सी वेणुगोपाल

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अलप्पुझा, 17 जनवरी (भाषा) कांग्रेस महासचिव और अलप्पुझा से सांसद केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी ‘राष्ट्र विरोधी’ है और इसके लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

भागवत ने कहा था कि भारत को राम मंदिर के निर्माण के बाद ‘सच्ची स्वतंत्रता’ मिली है।

वेणुगोपाल ने भागवत के बयान को लेकर पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि यह टिप्पणी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और उसमें शामिल सभी स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का ‘अपमान’ भी है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “मोहन भागवत ने पूरे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को खारिज कर दिया तथा यह कहकर स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली थी।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि भागवत के बयान ने आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का असली चेहरा दिखा दिया है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया था।

वेणुगोपाल ने कहा, “इस राष्ट्र विरोधी बयान के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”

वेणुगोपाल ने यह भी जानना चाहा कि आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी के संबंध में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्या विचार है। उन्होंने पूछा, “देश के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का पूरी तरह से अपमान करने वाले इस बयान के बारे में प्रधानमंत्री का क्या कहना है? भाजपा का इस बारे में क्या कहना है?”

भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाना चाहिए क्योंकि इस दिन भारत को ‘सच्ची स्वतंत्रता’मिली थी।

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