जब भी कोई समस्या होती है तो आपसी संवाद में एक ही बात होती है कि कोई रास्ता निकला? कहने का भाव यह है कि रास्ते तो निकालने से निकलते हैं। हिंदी सिनेमा में रास्ते शब्द को लेकर गाने भी बहुत बने हैं, एक लोकप्रिय गाना है- एक रास्ता है जिंदगी, जो थम गए तो कुछ नहीं। देश के विकास में साफ सुंदर रास्तों का होना बहुत महत्वपूर्ण है। नभ-जल-थल इन तीनों ही प्रकार के रास्तों ने देश-दुनिया की दूरियों को कम किया है और लोगों को नजदीक ला दिया है।
देश की प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण है, सड़कों का जाल होना। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने गांवों को मुख्य सड़क तक जोड़ने के लिए वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की। गांवों के मुख्य रास्तों को पक्का किया और मुख्य सड़कों तथा राजमार्गों से जोड़ा। इन कार्यों से देश को नई गति मिली। देश के विकास का पहिया तेजी से दौड़ा, उद्योग-धंधों में भी तेजी आई।
सड़क मार्ग देश के विकास में रीड़ की हड्डी हैं। इन सड़कों पर दौड़ने वाले पहिए, देश को विकास के पथ पर लेकर जाते हैं। वर्तमान मोदी सरकार ने देश को तेज गति से विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र की ओर ले जाने का संकल्प किया है और यह संकल्प जल्द ही पूरा होगा। श्री अटल बिहारी जी की सड़क योजना को मोदी सरकार ने तेजी से आगे बढ़ाया। आज भारत में नगरों-महानगरों की दूरियां सड़क मार्ग के द्वारा कम हो गई हैं। घंटे का सफर मिनटों में पूरा किया जा रहा है। सड़क मार्ग से माल ढुलाई में भी तेजी आई है। साफ सुंदर सड़कें अपने आप ही विकास की बात कहती नजर आती है।
सड़क मार्गों का अच्छा बनना प्रगति का सूचक है। कुछ लोग इन मार्गों पर लापरवाही से गाड़ियां चलाते हैं जबकि महानगरीय सड़कों पर और हाईवे पर जगह-जगह गति सीमा के कैमरे लगे हैं, जो चालक तो बता देते हैं कि आप कितनी गति से चल रहे हैं। टोल प्लाजा पर भी चालक को बता दिया जाता है। लोगों की सुरक्षा और मदद के लिए सरकारी गाड़िया चक्कर लगाती रहती हैं, हेल्पलाइन नंबर भी लिखे हुए हैं। फिर भी लोग लापरवाही के वाहन चलाते हैं। लोग गलतियाँ आप करते हैं और पुलिस तथा प्रशासन को दोष देते हैं। इन लापरवाहियों से हादसे भी हो जाते हैं। पिछले दिनों जयपुर-अजमेर हाईवे पर जो हादसा हुआ वह बहुत ही दर्दनाक रहा। इस हादसे में कितने ही लोग मौत की नींद सो गए।
हमारी सड़कों पर रोजाना कहीं ना कहीं, कोई ना कोई दुर्घटना घट ही जाती है। इन घटनाओं में कितने ही लोगों की जान भी चली जाती है। सरकार सड़कें बना सकती है, सुविधा दे सकती है, योजना लागू कर सकती हैं। हमें इन कार्यों और योजनाओं को सहकारी अर्थात सभी का साथ और ध्यान रखते हुए अमल में लाना होगा। हमें इसे जनभागीदारी बनाना होगा। अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा, लोगों को जागरूक करना होगा।
सड़क पर किसी भी तरह की लापरवाही, किसी के लिए भी जानलेवा हो सकती है। सड़कों पर चलने वाले नियमों का हमें ध्यान रखना चाहिए, लोगों को समझना-समझाना चाहिए। सड़क के नियम हमारे पाठ्यक्रम में बच्चों को पढ़ाएं और बताएं जाने चाहिए जिससे कि आने वाली पीढ़ियां सही से बात को समझ सके। नियमों को भंग करना किसी भी तरह से मान्य हो ही नहीं सकता है। सड़कें विकास का मार्ग है, उसे विनाश का मार्ग मत बनाओ। सड़क पर व्यक्ति जब गाड़ी लेकर चल रहा होता है तो उसके साथ उसका परिवार एवं राष्ट्र भी चल रहा होता है। घर पर कोई उनका इंतजार कर रहा होता है। कोई भी जन हानि राष्ट्र के लिए घातक होती है। छोटी सी लापरवाही व्यक्ति को कहां गिरा देगी, इसका अंदाजा लगाना बड़ा मुश्किल है। सकारात्मक सोच के साथ काम करें, जय हिंद।