नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के स्तर को पार कर चुका है और यह देश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है।
मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘शहरी यातायात को सुगम बनाने के कार्य लगातार जारी हैं। दिल्ली, पुणे, ठाणे और बेंगलुरु में मेट्रो परियोजनाएं और अहमदाबाद-भुज मार्ग पर शुरू हुई नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं विकसित भारत के शहरों का स्वरूप हैं।’’
उन्होंने कहा कि विकसित भारत को गति देने के लिए हमारे शहरों को भविष्य के लिहाज से तैयार करना आवश्यक है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘इस दिशा में मेरी सरकार ने शहरी सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर उन्हें ऊर्जा दक्ष बनाने पर जोर दिया है। साथ ही नए शहरों के विकास की भी नींव रखी जा रही है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज मुझे यह बताते हुए बेहद प्रसन्नता है कि भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के ‘माइलस्टोन’ को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।’’
उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पूर्व ही दिल्ली में रिठाला–नरेला–कुंडली कॉरिडोर का काम शुरू हुआ है, जो दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के बड़े सेक्शन में से एक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार के निरंतर प्रयास से दिल्ली में मेट्रो रूट लगातार बढ़ रहा है। 2014 में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो का कुल नेटवर्क 200 किलोमीटर से भी कम था। अब यह बढ़कर दोगुने से भी ज्यादा हो गया है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग आठ हजार करोड़ रुपए के खर्च से देश में 52 हजार विद्युत चालित बसें चलाने का भी निर्णय हुआ है। इससे शहरी इलाकों में सुगम और स्वच्छ यातायात की सुविधा मिलेगी तथा अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आसान कनेक्टिविटी और शहरी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में पंद्रह ‘रोपवे’ परियोजनाओं पर भी काम हो रहा है।