उपराज्यपाल और केंद्र से टकराव के कारण ‘आप’ सरकार से तंग आ चुकी दिल्ली की जनता: कपिल मिश्रा

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नयी दिल्ली, दिल्ली विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की जनता उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से बार-बार उलझने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से तंग आ चुकी है और भाजपा को एक विकल्प के रूप में देख रही है।

मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) शासन के मुद्दों पर विफल रही है।

उन्होंने कहा कि पार्टी के पास “मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है” क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल पर “पाबंदियां” लगा रखी हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी लोगों के चुनाव लड़ने से “दिल्ली के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।”

पांच फरवरी को होने वाले चुनाव में करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में मिश्रा का मुकाबला सत्तारूढ़ ‘आप’ के मनोज त्यागी और कांग्रेस के पीके मिश्रा से होगा। इस क्षेत्र में 2020 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यहां 3.07 लाख से अधिक मतदाता हैं।

मिश्रा ने कहा, “दंगों के घाव अभी भी ताजा हैं और जो हुआ उसे हम नहीं भूलेंगे। आरोपियों को चुनाव मैदान में लाना हमारे घावों पर नमक छिड़कने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।”

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दंगों के नाम पर वोट नहीं मांग रही।

मिश्रा ने कहा, “ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया गया है, जिससे दिल्ली के लोग आहत हैं। वे जानबूझकर हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।”

दंगों में कथित संलिप्तता के लिए जेल में बंद पूर्व आप पार्षद हुसैन, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

एआईएमआईएम ने शफा-उर-रहमान को ओखला से टिकट दिया है, जो दंगों से संबंधित मामले में जेल में हैं।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि ‘आप’ और कांग्रेस दोनों ही केवल मुस्लिम मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली के बाकी निवासियों की कोई परवाह नहीं है।

फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

दंगों से पहले मिश्रा ने एक विवादास्पद भाषण में दिल्ली के जाफराबाद में सीएए के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करने वालों को हटने के लिए अल्टीमेटम दिया था। एक वर्ग ने इस भाषण को सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

पार्टी में उनकी हिंदुत्व छवि के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि उन्हें इसके लिए “सकारात्मक प्रतिक्रिया” मिली है।

उन्होंने कहा, “हम नकारात्मक टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होते।”

भाजपा नेता ने कहा, “हिंदुत्व हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं है, यह हमारी जीवनशैली है। और अगर राजनीति में हमें इसके लिए कीमत चुकानी पड़े तो हम वह कीमत चुकाने को तैयार हैं।”

पहले ‘आप’ के नेता रहे मिश्रा ने जोर देकर कहा कि दिल्ली में अगली सरकार भाजपा ही बनाएगी।

भाजपा नेता ने कहा, “दिल्ली के लोग ऐसी सरकार चाहते हैं जो शहर के विकास के लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम कर सके।”

उन्होंने कहा, “लोग सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से निराश हैं, जो लगातार केंद्र सरकार या उपराज्यपाल से उलझती रहती है। लोग अब भाजपा को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “आप के पास मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गईं पाबंदियों के कारण मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। आठ फरवरी को केजरीवाल न केवल पूर्व मुख्यमंत्री होंगे, बल्कि पूर्व विधायक भी होंगे।”

 

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