नयी दिल्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को भारत के युवाओं से जीवन यात्रा में कभी हार न मानने का सुझाव देते कहा कि ‘सड़क पर आया मोड़ सड़क का अंत नहीं होता है।’’
यहां दिल्ली छावनी में चल रहे ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी)’ के शिविर के अपने दौरे के दौरान कैडेट और अधिकारियों के समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देश के युवा 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देंगे और वे इसके सबसे बड़े लाभार्थी भी होंगे।
जनरल चौहान ने कहा कि जनवरी त्योहरों का महीना है और कल भूतपूर्व सैनिक दिवस है, उसके बाद 15 जनवरी को सेना दिवस है।
उन्होंने कहा कि उसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस आएगा और उसके अगले ही दिन एनसीसी आरडी कैंप में प्रधानमंत्री की रैली होगी । उन्होंने कहा, ‘‘ यह इस बात का प्रतीक है कि किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर करता है।’’
तीन दिसंबर से शुरू हुआ यह शिविर एक महीने तक चलेगा जिसमें देशभर से कुल 2,361 एनसीसी कैडेट हिस्सा ले रहे हैं। इस वार्षिक कार्यक्रम में 917 बालिका कैडेट भी हिस्सा ले रही हैं, जो अब तक की उनकी सबसे बड़ी संख्या है। कुल कैडेटों में से 114 जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से हैं और 178 पूर्वोत्तर क्षेत्र से हैं।
जनरल चौहान ने कहा कि युवा समाज का लघु रूप हैं, एक जनसांख्यिकीय सत्य हैं, एक सांख्यिकीय वास्तविकता हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘देश 2047 तक विकसित भारत बनना चाहता है। देश के युवा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान देंगे और इसके सबसे बड़े लाभार्थी भी होंगे।’’
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पक्का यकीन है कि ‘बतौर एक राष्ट्र हम 2047 तक विकसित भारत बनने के इस लक्ष्य या सपने को हासिल करने में सक्षम होंगे।’’
जनरल चौहान ने कहा कि देश के युवा उसे रफ्तार देंगे तथा वरिष्ठ नेतृत्व उसे दिशा प्रदान करेंगे।
उन्होंने कैडेटों और उनके माध्यम से देश के युवाओं को जीवन के कुछ सबक भी सिखाए।
सीडीएस ने कहा, ‘‘ किस्मत और सफलता पहले से तय नहीं होती, आपको इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। अक्सर कहा जाता है कि किस्मत संयोग से नहीं, बल्कि आपकी पसंद से बनती है। और सफलता पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जीवन में उतार-चढ़ाव आयेंगे। इसलिए याद रखिए सड़क पर मोड़ सड़क का अंत नहीं होता है।’’
अपने संबोधन में उन्होंने रुडयार्ड किपलिंग की कविता ‘इफ’ की पंक्तियां भी उद्धृत कीं और सोहनलाल द्विवेदी की कविता ‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’ सुनाई।
सीडीएस ने कहा, ‘‘यही संदेश मैं आपको देना चाहता हूं, ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’। इसलिए कभी भी हार मत मानें।’’