गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर 5000 से अधिक कलाकारों ने 45 नृत्य शैलियों का किया प्रदर्शन

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नयी दिल्ली,  गणतंत्र दिवस के अवसर पर 5000 से अधिक लोक और आदिवासी कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की 45 नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। सभी अतिथियों को प्रस्तुति देखने को मिले, इसके लिए कलाकारों ने पहली बार पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया।

संगीत नाटक अकादमी द्वारा ‘जयति जय मां भारतम’ प्रस्तुति में 11 मिनट का सांस्कृतिक प्रदर्शन किया गया। इस कलात्मक प्रस्तुति को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश की जनजातीय और लोक शैलियों की समृद्ध और रंगारंग विरासत के माध्यम से जीवंत किया गया।

इसमें ‘विकसित भारत’, ‘विरासत भी विकास भी’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की थीम को भी प्रदर्शित किया गया। ‘जयति जय मां भारतम’ प्रस्तुति के गीत सुभाष सहगल ने लिखे और संगीत शंकर महादेवन ने दिया।

देश के विभिन्न हिस्सों के 5,000 लोक और जनजातीय कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा, और भाले, तलवार जैसे औजारों एवं ढोल के साथ अपने नृत्य रूपों को जीवंत कर दिया।

पहली बार, इस प्रदर्शन में विजय चौक और सी हेक्सागन से लेकर सम्पूर्ण कर्तव्य पथ को शामिल किया गया। इससे सभी स्थानों से अतिथियों को प्रस्तुति की झलक मिल पाई।

संगीतमय प्रदर्शन में भारत के कोने-कोने से आए युवा, कलात्मक विरासत और महिला सशक्तीकरण का प्रतिनिधित्व करने वाले लोक और जनजातीय कलाकारों ने भाग लिया, जो भारत की विरासत की विविधता और संस्कृति की विविधता का प्रतिनिधित्व करते थे।

 

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