मालिश थकावट को दूर करने के लिए एक उत्तम उपाय है। यह एक प्रकार से शरीर की मांसपेशियों का व्यायाम है। इससे शरीर में स्फूर्ति व चुस्ती आती है। मालिश लकवा, अनिद्रा, मोटापा, पोलियो, उच्च रक्तचाप आदि रोगों में भी लाभकारी है। इससे शरीर की त्वचा मुलायम होती है, तनाव दूर होता है व खूबसूरती बढ़ती है मगर मालिश करने का ढंग होना भी जरूरी है वर्ना गलत ढंग से की गयी मालिश शरीर के लिए हानिकारक सिद्व हो सकती है। मालिश करने पहले हाथों के नाखूनों को अवश्य काट लें। भोजन के तुरन्त बाद व भूखे पेट मालिश करना हानिकारक है। सर्दियों में गुनगुने तेल से मालिश करना लाभप्रद है। मालिश धूप में की जाए तो अच्छा होगा। मालिश करने से पहले हाथों को परस्पर रगड़कर गर्म कर लेना चाहिए। हवादार स्थान में मालिश करना लाभप्रद है। मालिश 25 से 30 मिनट तक ही करें। मालिश करने से पहले हथेलियों पर अच्छी तरह तेल लगा लें। छोटे बच्चे की मालिश धीरे-धीरे ही करें। ध्यान रहे कि बच्चे के शरीर के अंग दबने न पायें। तेल से मालिश करने के पश्चात् गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए क्योंकि तेल से त्वचा के रोमकूपों में मैल भर जाती है। यदि आप स्नान नहीं करना चाहते तो शरीर को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से पोंछ लें।