चलो कहीं घूम आएं

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घर के बाहर ऑफिस या बाजार, सिर्फ यही दुनियां नहीं है। दुनियां बहुत बड़ी और खूबसूरत है। इसकी झलक जरूर देखनी चाहिए। दुनियां की सैर करने के लिए जरूरी नहीं है कि कहीं दूर जाया जाये। अपने देश में अनेकों प्रकार की छटाएं बिखेर रखी हैं कुदरत ने। इनके दीदार में ही बहुत समय चाहिए।
भारत सबसे अधिक विविधताओं वाला देश है। कुदरत ने अपनी खूबसूरती के सभी रंग यहां बिखेर रखे हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक हो या पूर्व से लेकर पश्चिम तक, हर ओर एक नई संस्कृति एवं सुंदरता है। भारत के पर्यटन स्थल घूमने के लिए विदेशियों को भी आकर्षित करते हैं तो क्या हम अपने देश में रहते हुए इनका दर्शन नहीं कर सकते। यदि आप हर बार अपने बच्चों को कहीं घुमाने ले जाने की योजना बनाते हैं तो इस बार कहीं घुमा ही लाइये। हमारे देश में दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है।
सबसे पहले तो यह तय कीजिए कि आपको छुट्टियों में जाना कहां है? कितने दिन के लिए जाना है और आपका बजट कितना है? इससे बाद में दिक्कतें नहीं आती। सफर में जाने से पूर्व अपने पास स्नैक्स, बिस्कुट, चिप्स, आदि खाने-पीने का सामान जरूर रखें। रास्ते में ये चीजें महंगी मिलती हैं।
अपने पास सफर में खर्च करने के लिए रूपये-पैसे कई जगह बांटकर रखें। जिस जगह घूमना है, वहां होटल काफी महंगे होते हैं किन्तु थोड़ी दूर पर रूकने के लिए सस्ती जगह मिल जाती है। सफर में बेकार की शापिंग से बचें। वे ही चीजें लें जो आपके शहर में न मिलती हां।
यदि आप भारत की राजधानी दिल्ली में अभी तक नहीं घूमे हैं तो सबसे पहले उसका ही दर्शन करें। दिल्ली में अनेकों पर्यटन स्थल हैं। दिल्ली-जयपुर-आगरा का टूर पैकेज काफी मशहूर है।
दिल्ली में घूमने के बाद रात को होटल में रूक कर सुबह आगरा की यात्रा शुरू करें। आगरा का ताजमहल दुनियां के सातों अजूबों में से एक है। इसके अलावा यहां अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं। फिर अगले दिन जयपुर पहुंचकर फतेहपुर सीकरी का नजारा करें। सिटी पैलेस, मुगल शासनकाल के किले, भूलभुलैया आदि यहां देखने योग्य स्थल हैं।
शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है जो एक पर्यटन स्थल है। दिल्ली से 343 कि॰मी॰ आगे शिमला पहुंचने में नौ से दस घंटे लग जाते हैं। ट्रेन के सफर में आपको कालका से दूसरी ट्रेन लेनी पड़ेगी। शिमला से मनाली 280 कि॰मी॰, डलहौजी 345 किमी॰ दूर हैं। दिल्ली से चंडीगढ़ 249 किमी॰ दूर है। यहां रोज गार्डन, सुखना लेक एवं यूनिवर्सिटी का नजारा कर सकते हैं। चंडीगढ़ से 165 किमी. दूर क्रिकेट का मशहूर मैदान कसौली है।
श्रीनगर में 100 किमी॰ उत्तर-पश्चिम में बसे गुलमर्ग का रोपवे काफी मशहूर है जो 1000 फुट ऊंचाई पर बसे खिलनमार्ग पर पहुंचाती है। यहां पर 28,000 फुट ऊंचा नंगा पर्वत है। श्रीनगर में 100 किमी॰ पूर्व में लिद्दर नदी पर बसे पहलगाम से ही अमरनाथ के रास्ते में खूबसूरत झील के दर्शन होंगे।
देहरादून से 30 किमी॰ दूर 6500 फुट की ऊंचाई पर बसा है मसूरी शहर। नैनीताल के लिए दिल्ली से रात को ट्रेन पकड़ें और काठगोदाम पहुंचें। आगे का दो घंटे का सफर बस से करें। कॉरबेट पार्क में हाथी सवारी सभी बच्चों-बड़ों में मशहूर है। दक्षिण भारत की यात्रा भी आपको सुखद एहसास देगी। बस वहां मौसम थोड़ा सा गर्म होता है।
केरल की खूबसूरती देखने के लिए वहां की राजधानी तिरूवनंतपुरम पहुंचना होगा। यहां के प्राचीन चर्च एवं मंदिर एवं सैंकड़ों एकड़ भूमि पर फैले रबर, चाय व कॉफी के बागों की फसल मन को मोह लेती है। यहां से 223 किमी॰ दूर पवित्रा सांपों का शहर माने वाले वाले शहर कोच्ची को 16 वीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने बसाया था। यहां का डच पैलेस भी देखने योग्य है।
उधर चेन्नई से 535 किमी॰ दूर ऊंटी समुद्र तट से 7,349 मी॰ की ऊंचाई पर बसा है। इसे अंग्रेजों ने 1822 में बसाया था। चेन्नई से 75 किमी॰ दूर कांचीपुरम सिल्क की साड़ियों के लिए मशहूर है।
मुंबई में समुद्र का नजारा खुद-ब-खुद एक दर्शनीय स्थल है। इसके अलावा मुंबई से 100 किमी॰ दूर बसे खंडाला या लोनावला के शांत वातावरण का नजारा कर सकते हैं। लोनावला वॉटरफॉल्स और पहाड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।

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