आज के भौतिक युग में अधिकांश व्यक्ति तनाव युक्त होते हैं। तनाव से मुक्त होने के लिए हंसना परम आवश्यक है। हंसी हमारे शरीर के लिए चिकित्सा तथा आत्मा के लिए औषधि है। पवित्रा शास्त्रा में लिखा है कि हर बात का समय है। हर समस्या का अपना समय है। हर उस कार्य का समय है जो इस धरती के ऊपर तथा आकाश के नीचे रोने का एक समय है। हंसने का एक समय है। शोधों से यह बात प्रमाणित हो गई है कि हंसी आपके हृदय को शक्ति देने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता के कार्य को बढ़ावा तनाव से मुक्ति तथा अपने आचरण को शांत रखने में आपकी बहुत अधिक सहायता करती है। हंसी सभी प्रकार के बोझ से हृदय को मुक्त कर देती है। आप अच्छा महसूस करते हैं। आप आत्मिक स्तर पर भी ऊंचे उठते हैं। एक मनोवैज्ञानिक ने अपनी एक महिला रोगी को जो सदा दुख से दबी रहती थी, एक नया फार्मूला दिया। चिकित्सक ने रोगी महिला को दिन में तीन बार हंसने के लिए कहा चाहे यह उसे अच्छा लगे या न लगे। अपने चिकित्सक की इस बात से वह रोगी महिला कुछ विचलित हुई परंतु कुछ दिनों बाद उसे हंसने का सुअवसर प्राप्त हो ही जाता था। उस रोगी महिला की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति में प्रगति हुई। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि जब हम दिल खोलकर हंसते हैं तो मस्तिष्क के वे हार्मोन्स अधिक बनते हैं जो हमें चिंताओं से मुक्त करते हैं। स्टेन फोर्ड विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक डॉ. विलियम फ्राई ने हंसी और स्वास्थ्य के संबंधों पर बहुत वर्षों तक शोध कार्य किया है। उनके शोध परिणाम यह सिद्ध करते हैं कि प्रसन्नचित रहने वाले स्वभाव के लोगों का हृदय भी स्वस्थ रहता है। हंसी मजाक से हम अपना तनाव कम करते हैं। हंसी सभी प्रकार के बोझ से हृदय को मुक्त कर देती है। आप आत्मिक स्तर पर भी ऊंचे उठते हैं। एक मजबूत दिल बनाने के साथ खुलकर आने वाली हंसी आपके प्रतिरोधक स्तर को भी ऊंचा करती है। यह सही बात है कि अपने को खुश रखने वाला व्यक्ति बहुत सी तकलीफों से बचा रहता है और शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का स्तर जब सही होता है तो शरीर के रक्त में अधिक लाल तथा सफेद सेल बढ़ते हैं। हास्य चलचित्रा से रक्त में श्वेत रक्त कणिकाएं बढ़ती हैं। ये हमारे शरीर के उच्च प्रतिरोधक स्तर को दर्शाती हैं। हंसी न केवल आपके भावनात्मक रवैय्ये को बदलती है, साथ ही वह आपकी आयु को भी बढ़ावा देती है। हंसना हमारे लिए 100 वर्ष तक जीने की गारंटी तो नहीं है लेकिन स्वास्थ्य समस्या नहीं होगी।