तिरुवनंतपुरम, 21 जनवरी (भाषा) केरल विधानसभा में मंगलवार को मलयालम साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता दिवंगत एम. टी. वासुदेवन नायर, पूर्व राज्य मंत्री एम टी पद्मा और एक पूर्व विधायक को श्रद्धांजलि दी गई। इन तीनों का हाल ही में निधन हो गया था।
विधानसभा अध्यक्ष ए. एन. शमसीर ने नायर, पद्मा और के. मुहम्मदुन्नी हाजी की उपलब्धियों एवं समाज में उनके योगदान को याद किया।
सदन के सदस्यों ने दिन की कार्यवाही शुरू करने से पहले, दिवंगत हस्तियों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा।
नायर (91) का कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में हृदय संबंधी समस्या के चलते उपचार किया जा रहा था और पिछले वर्ष 25 दिसंबर को उनका निधन हो गया।
एम. टी. के नाम से लोकप्रिय नायर ने अपने सात दशकों के करियर में नौ उपन्यास, 19 लघु कथा लिखीं, जबकि छह फिल्मों का निर्देशन किया, लगभग 54 पटकथाएं लिखीं और निबंधों एवं संस्मरणों के कई संग्रह प्रकाशित किए।
एम. टी. की साहित्यिक उपलब्धियों ने उन्हें 1995 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलार पुरस्कार, वलाथोल पुरस्कार, एज़ुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओ. एन. वी. साहित्यिक पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार दिलाए।
उनको 2005 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
केरल की पूर्व मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता पद्मा (81) का पिछले साल 12 नवंबर को मुंबई में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया था।
वह कोइलांडी विधानसभा क्षेत्र से दो बार निर्वाचित हुईं और 1991 से 96 के दौरान संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सरकार में मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास और पंजीकरण विभाग की राज्य मंत्री रहीं।
पूर्व विधायक और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) नेता मुहम्मदुन्नी हाजी (82) का 18 जनवरी को मलप्पुरम जिले के पूकोट्टूर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था।
वह 2006 और 2011 में कुल दो बार कोंडोट्टी सीट से विधायक चुने गए।