सोयाबीन तेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ने से भारत का पाम तेल आयात दिसंबर में गिरा

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नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) भारत के पाम तेल आयात में दिसंबर में बड़ी गिरावट आई है, क्योंकि दक्षिण अमेरिका से सस्ते सोयाबीन तेल ने दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातक देश के बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, दिसंबर, 2024 में सोयाबीन तेल का आयात दोगुना से अधिक होकर 4,20,000 टन हो गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 1,52,650 टन था।

एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि रुख में यह बदलाव तब आया है जब मलेशियाई से पाम तेल की निर्यात आपूर्ति कम हो गई है, जिससे उपभोक्ता अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले दक्षिण अमेरिकी सोयाबीन तेल की ओर रुख कर रहे हैं।

मेहता ने कहा, ‘‘बड़ी कीमत छूट दिये जाने से अधिशेष सोयाबीन तेल तेजी से खप रहा है।’’

दिसंबर, 2024 में पाम तेल की बाजार हिस्सेदारी घटकर 42 प्रतिशत रह गई, जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल सहित रिफाइंड तेलों ने आयात का 58 प्रतिशत हिस्सा अपने कब्जे में कर लिया।

कच्चे पाम तेल का आयात एक साल पहले के 6,20,020 टन से 47.32 प्रतिशत घटकर 3,26,587 टन रह गया। आरबीडी पामोलिन का आयात 25.16 प्रतिशत घटकर 1,65,290 टन रह गया, जबकि कच्चे पाम कर्नेल ऑयल का आयात 22,500 टन से घटकर 8,298 टन रह गया।

सूरजमुखी तेल का आयात दिसंबर, 2023 के 2,60,850 टन से मामूली बढ़कर 2,64,836 टन हो गया। कुल वनस्पति तेल का आयात दिसंबर, 2024 में एक साल पहले के 13.1 लाख टन से थोड़ा घटकर 12.3 लाख टन रह गया।

इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को पाम तेल के मुख्य आपूर्तिकर्ता बने हुए हैं, जबकि सोयाबीन तेल मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस से मंगाया जाता है। भारत मुख्य रूप से रूस, यूक्रेन और अर्जेंटीना से कच्चा सूरजमुखी तेल आयात करता है।

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