भारतीय प्रतिभाएं हर जगह अपना लोहा मनवा रही हैं : जयंत चौधरी

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दावोस, 21 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि भारतीय कामगार नेतृत्व की भूमिका सहित हर जगह अपनी क्षमता साबित करते हैं और सफलता की यह कहानी वैश्विक मंच पर और आगे बढ़ेगी।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक से इतर इस स्की रिसॉर्ट शहर में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में मंत्री ने कहा कि पूरा विश्व देख रहा है कि भारत कौशल विकास तथा शिक्षा के क्षेत्र में किस तरह काम कर रहा है।

उन्होंने विश्व के समक्ष भारत की विकास गाथा पर और अधिक जोर दिए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘ दावोस में होने वाली विश्व आर्थिक मंच की बैठक एक बहुत बड़ा कार्यक्रम है। इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े लोग, विभिन्न देशों के नेता, सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठन और कॉरपोरेट घरानों के लोग शामिल होते हैं।’’

चौधरी ने दावोस पहुंचने के तुरंत बाद कहा, ‘‘ जो लोग अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं और जो लोग नए विचारों पर काम कर रहे हैं, वे सभी यहां आते हैं। एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल बहुत उम्मीदों के साथ यहां आया है और मुझे यहां भारत का प्रतिनिधि बनने का शानदार अवसर मिला है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत में कौशल विकास तथा हमारे युवाओं के विकास के लिए जो काम किया जा रहा है, वह जमीनी स्तर पर दिख रहा है। आज पूरी दुनिया देख रही है कि भारत कौशल विकास के क्षेत्र में बहुत गंभीरता से काम कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय कामगार जहां भी काम करने जाते हैं, अपनी क्षमता साबित करते हैं और शीर्ष नेतृत्व की भूमिकाओं सहित अपना सही स्थान हासिल करते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ हम उन कहानियों को साझा करने के लिए दावोस आए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत को और अधिक निवेश मिलेगा तथा जो कंपनियां अभी तक भारत में मौजूद नहीं हैं, वे भी वहां आएंगी।’’

विश्व आर्थिक मंच की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक 24 जनवरी को संपन्न होगी। इस दौरान चौधरी कई देशों के नेताओं के साथ-साथ यहां आने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करेंगे।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री ने कहा कि वह कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने तथा सतत विकास को आगे बढ़ाने के भारत के दृष्टिकोण को साझा करेंगे।

चौधरी ने कहा कि यह भागीदारी तेजी से बदलती दुनिया की जरूरतों को पूरा करने में सहयोग तथा नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। वह यहां चर्चाओं तथा गोलमेज बैठकों में भी हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास विकास तथा सामाजिक समानता की पुनःकल्पना करने…निवेश करने व टिकाऊ उद्योगों का निर्माण करने का अवसर है। मैं इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत करने को लेकर उत्साहित हूं।’’

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