व्यापक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं भारत, ओमान

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मस्कट, 15 जनवरी (भाषा) भारत और ओमान इस साल एक व्यापक व्यापार और निवेश समझौते पर हस्ताक्षर करने पर विचार कर रहे हैं। इससे एक-दूसरे के उत्पादों पर शुल्क दरों में कटौती होगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा तथा दोनों देशों के बीच खासकर आर्थिक क्षेत्र में रिश्ते मजबूत होंगे।

एक साल पहले ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत यात्रा के बाद व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत तेज हुई है।

ओमान के वाणिज्य मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल-यूसुफ ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मस्कट को इस साल भारत के साथ महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के पूरा होने की उम्मीद है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध काफी बेहतर हुए हैं और भारत, ओमान के शीर्ष व्यापार भागीदारों में से एक के रूप में उभरा है।

ओमान के कच्चे तेल के निर्यात के लिए 2023 में दक्षिण कोरिया के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा बाजार था। सऊदी अरब के बाद 2023 में ओमान के गैर-तेल निर्यात के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार था।

ओमान के वाणिज्य मंत्री ने कहा, ‘‘व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर अभी बातचीत चल रही है।’’

अल-यूसुफ ने यहां आए संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हमारे बीच पहले ही कई दौर की बातचीत हो चुकी है और एक और दौर आने वाला है और फिर हम देखेंगे कि यह कैसे आगे बढ़ता है।’’

उन्होंने कहा कि ओमान भारत के साथ व्यापार बढ़ाने का इच्छुक है और हमारे देश के लिए भारतीय निवेशकों की काफी रुचि है।

यूसुफ ने कहा, ‘‘ भारत से कई बड़े निवेशकों ने ओमान में रुचि दिखाई है और वे भविष्य के लिए योजना बना रहे हैं।’’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।

सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की तरह, ओमान भी अपने ‘विजन 2040’ के अनुरूप स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करके और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देकर तेल राजस्व पर अपनी निर्भरता को कम करने पर विचार कर रहा है।

ओमान का ‘विजन 2040’ 2021 से 2040 की अवधि के लिए देश के आर्थिक और सामाजिक विकास का एक खाका है। इसे 2020 में सुल्तान हैथम बिन तारिक ने मंजूरी दी थी, फिर इसे जनवरी, 2021 में अमल में लाया गया।

ओमान के वाणिज्य मंत्री ने पिछले 20 साल में मजबूत आर्थिक वृद्धि के लिए भारत की सराहना की और ‘उपलब्धियों’ तथा आर्थिक वृद्धि दर को ‘बहुत प्रभावशाली’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने वास्तव में आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। डिजिटल बदलाव, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में तेज वृद्धि हुई है।’’

ओमान के सुल्तान तारिक दिसंबर, 2023 में भारत की यात्रा पर आए थे और इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत की थी।

अपनी बातचीत में, दोनों नेताओं ने 10 प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए एक दृष्टिकोण पत्र को अपनाया।

दोनों पक्षों ने ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष के लिए 30 करोड़ डॉलर की तीसरी किस्त की भी घोषणा की थी। यह भारतीय स्टेट बैंक और ओमान निवेश प्राधिकरण के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त उद्यम है। संयुक्त उद्यम में दोनों की बराबर-बराबर हिस्सेदारी है।

अल-यूसुफ ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द ही दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में लिए गए विभिन्न निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे।

प्रस्तावित भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप गलियारे (आईएमईईसी) के बारे में पूछे जाने पर, ओमान के वाणिज्य मंत्री ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। परिवहन को आसान बनाने वाली संपर्क से जुड़ी कोई भी परियोजना व्यापार को बढ़ाने में मददगार होती है।

आईएमईईसी के तहत एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिमी देशों के बीच एकीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन नेटवर्क की परिकल्पना की गयी है।

इस पहल को पिछले साल सितंबर में दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान गति मिली। गलियारे के लिए भारत, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और कुछ अन्य जी-20 भागीदारों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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