दावोस, 23 जनवरी (भाषा) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत आने वाले वर्षों में मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए आराम से छह-आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखेगा।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान एक सत्र में मंत्री ने कहा कि समावेशी वृद्धि देश के आर्थिक खाके का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है। साथ ही विनिर्माण, सेवाओं और कानूनों के सरलीकरण पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है।
रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में वापस आने का मुख्य कारण समावेशी वृद्धि रही है, क्योंकि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि आर्थिक वृद्धि का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध प्रतिभा सभी क्षेत्रों में बेजोड़ है और आज दुनिया भारत की नीतियों के कारण उस पर भरोसा करती है।
मंत्री ने कहा कि कंपनियां अपने कारखाने और मूल्य शृंखलाएं भारत में स्थानांतरित कर रही हैं।
सत्र में उद्योगपति संजीव बजाज ने कहा कि भारत में ऐसी सरकार है जो उद्योग से किए गए वादों को पूरा करती है।
उन्होंने कहा कि भारत ड्रोन जैसे नए युग के क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी बन गया है।
लेकिन, उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश के लिए छह से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर पर्याप्त नहीं है और इसे कम से कम सात-7.5 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता है।
वैष्णव ने कहा कि साथ ही, भूमि खरीद जैसे कुछ क्षेत्र और विभाग हैं जहां और अधिक काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन हमें तेजी से वृद्धि करने और निजी पूंजी आने को सुनिश्चित करने की जरूरत है।
वैष्णव ने कहा कि शुल्क और सीमा शुल्क कानूनों का सरलीकरण सरकार के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, और निर्यात-आधारित वृद्धि प्रमुख अंतर पैदा कर सकता है।