भागवत ऐसे बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा: खरगे

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नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएससएस) के प्रमुख मोहन भागवत के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि यदि वह इसी तरह का बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।

खरगे ने कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोगों को (1947 में मिली) आजादी याद नहीं है क्योंकि उनके वैचारिक पूर्वजों का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं है।

भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी।

खरगे ने भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि आजादी मिलने के बाद वह इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने आरएसएस और भाजपा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘(आजादी के लिए) वो कभी लड़े नहीं, कभी जेल नहीं गए, इसलिए उन्हें आजादी के बारे में कुछ याद ही नहीं है… हमारे लोग लड़े थे, जान गंवाई थी, इसलिए हम आजादी को याद करते हैं।’’

खरगे ने कहा, ‘‘भागवत के बयान की मैं निंदा करता हूं और वह अगर ऐसे ही बयान देते रहे तो हिंदुस्तान में उनका घूमना-फिरना बड़ा मुश्किल हो जाएगा।’’

बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कई विभाजनकारी ताकतों, जिनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था, ने बाद में संविधान, तिरंगा, अशोक चक्र से लेकर समाज की प्रगति के लिए बन रहे कायदे-कानूनों तक का विरोध किया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- जब राम मंदिर बना, तब देश को आजादी मिली। वहीं नरेंद्र मोदी को लगता है कि जब 2014 में वह प्रधानमंत्री बने, तब देश को आजादी मिली। यह शर्म की बात है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा के लोगों को आजादी का दिन इसलिए याद नहीं, क्योंकि उन लोगों ने देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया।’’

खरगे का कहना था, ‘‘कांग्रेस को आजादी इसलिए याद है, क्योंकि हमारे लोगों ने आजादी के लिए अपनी जान दी, ठोकरें खाईं और घर छोड़े। इसलिए मैं मोहन भागवत जी के बयान की निंदा करता हूं।’’

पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर खरगे ने कांग्रेस के इतिहास और उसके प्रमुख नेताओं का भी उल्लेख किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह बहुत खुशी की बात है कि यह दफ्तर उसी इलाके में बना है जहां हमारे नायकों ने सोचा था।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय देश के लिए लोकतंत्र की पाठशाला की तरह है।

खरगे ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैं इंदिरा गांधी जी के समय में वर्ष 1969 में कांग्रेस ब्लॉक कमेटी का अध्यक्ष बना। फिर 2022 में मुझे कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अध्यक्ष चुनने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। हम सब कांग्रेस की विचारधारा पर कायम हैं और रहेंगे।’’

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी याद किया, जिनका पिछले महीने निधन हो गया था।

खरगे ने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय के पुस्तकालय का नाम ‘डॉक्टर मनमोहन सिंह पुस्तकालय’ होगा।

उन्होंने सिंह के उन शब्दों को भी याद किया कि इतिहास उनके प्रति दयालु होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में ऐसा ही हुआ है।

खरगे ने सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में चुनने का श्रेय सोनिया गांधी को दिया और कहा कि जब दुनिया भर में लोग पूर्व प्रधानमंत्री की सराहना करते हैं तो वह भी प्रशंसा की पात्र हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने 140 वर्षों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन कभी धैर्य नहीं खोया है। हमारे नेताओं ने हमें सिखाया है कि अगर बड़ी जीत हो तो अहंकार न करें और हार हो तो निराश न हों। हमें जनता के साथ संपर्क स्थापित करना होगा, एकता और अनुशासन के साथ लोगों के संघर्ष का समर्थन करें और समाधान खोजें।’’

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