फडणवीस या उपमुख्यमंत्री अजित पवार के कहने पर इस्तीफा देने को तैयार हूं:मुंडे

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मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) बीड में सरपंच की हत्या मामले में विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग के बीच महाराष्ट्र कैबिनेट के सदस्य धनंजय मुंडे ने बुधवार को कहा कि यदि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या उपमुख्यमंत्री अजित पवार कहेंगे तो वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ सदस्य मुंडे, अपने गृह जिले बीड के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख के अपहरण-हत्या के बाद से आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।

मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

मुंडे ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या उपमुख्यमंत्री अजित पवार मानते हैं कि मैं दोषी हूं, तो उन्हें मुझसे इस्तीफा मांग लेना चाहिए। मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। यह उन्हें तय करना है कि मैं दोषी हूं या नहीं। मुझे पिछले 51 दिनों से निशाना बनाया जा रहा है।”

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के इस्तीफे की मांग तब फिर से उठने लगी है, जब सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने दावा किया कि उन्होंने उनके खिलाफ पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को “सबूत” सौंपे हैं। अजित पवार ने अब तक अपनी पार्टी और कैबिनेट सहयोगी का पुरजोर समर्थन किया है।

हालांकि, मुंडे ने नैतिक आधार पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की संभावना को खारिज कर दिया।

बीड जिले के परली से विधायक ने कहा, “मेरी नैतिकता मेरे लोगों के प्रति मेरी ईमानदारी में निहित है। मैं पूरी ईमानदारी से बोलता हूं। मैं खुद को नैतिक रूप से दोषी नहीं मानता। अगर मैं दोषी हूं, तो मेरे वरिष्ठ नेता मुझे बताएंगे।”

इससे पहले दिन में राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा था कि मुंडे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का कथित तौर पर प्रयास करने पर सरपंच देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।

पुलिस ने हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कराड को जबरन वसूली के मामले में हिरासत में लिया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है। उस पर संगठित अपराध निरोधक कानून (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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