आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान: एचएसबीसी

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मुंबई, सात जनवरी (भाषा) आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में आधिकारिक अनुमान से कम यानी 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है और अगले वित्त वर्ष 2025-26 में यह बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।

रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर उम्मीद से कम 5.4 प्रतिशत रही। सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में 6.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।

एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमारे 100 संकेतकों के विश्लेषण से पता चलता है कि सितंबर के बाद से वृद्धि संकेतकों में सुधार हुआ है, लेकिन जून की तुलना में वे कमजोर बने हुए हैं।’’

इसमें कहा गया है कि दिसंबर तिमाही में 65 प्रतिशत संकेतक सकारात्मक है जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 55 था। कृषि, निर्यात और निर्माण क्षेत्रों में सुधार सबसे स्पष्ट हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी खपत में भी दिसंबर तिमाही में कुछ सुधार दिखा है जबकि इसको लेकर हाल में चिंता जतायी गयी थी।

ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि जनकेंद्रित और निजी निवेश संकेतक कमजोर बने हुए हैं और चीजें अब भी जून तिमाही जितनी अच्छी नहीं हैं। उस समय लगभग 75 प्रतिशत संकेतक सकारात्मक रूप से बढ़ रहे थे।

उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी मंत्रालय के नवीनतम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी। जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले महीने अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था।

रिपोर्ट में मुद्रास्फीति के बारे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 4.9 प्रतिशत तथा वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।

एचएसबीसी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि मुद्रास्फीति नवंबर में 5.5 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 5.3 प्रतिशत और जनवरी में 5.0 प्रतिशत से नीचे रहेगी।’’

ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि आरबीआई फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की दो कटौती कर सकता है।

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