चंडीगढ़, 18 जनवरी (भाषा) हरियाणा सरकार ने 370 पटवारियों (राजस्व अधिकारियों) और उनके सहायक के रूप में काम करने वाले 170 निजी व्यक्तियों की सूची तैयार की है, जो कथित रूप से भ्रष्ट आचरण में संलिप्त हैं।
वित्त आयुक्त, राजस्व (एफसीआर) के कार्यालय ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने के लिए जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है।
‘पटवारी’ भूमि अभिलेखों का रखरखाव, भूमि पर कब्जे का प्रमाणीकरण, दाखिल खारिज और अन्य कार्य करते हैं।
एफसीआर द्वारा 14 जनवरी को लिखे पत्र के मुताबिक राज्य में लोगों ने इन 370 ‘पटवारियों’ पर काम करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैयार की गई सूची में कैथल 46 भ्रष्ट पटवारियों के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद सोनीपत में 41, महेंद्रगढ़ में 36, गुरुग्राम में 27, फतेहाबाद में 25, कुरुक्षेत्र में 23 और झज्जर में 20 पटवारियों को कथित तौर पर भ्रष्ट आचरन में संलिप्त पाया गया।
सूची के मुताबिक फरीदाबाद में 19, पलवल में 17, रेवाड़ी में 16, यमुनानगर में 14, सिरसा और हिसार में 13-13, जींद में 12, भिवानी में 10, पानीपत में नौ, करनाल में सात, चरखी दादरी और नूह में छह-छह तथा अंबाला और रोहतक में पांच-पांच ऐसे पटवारियों की पहचान की गई है।
पंचकूला एकमात्र ऐसा जिला है जहां का कोई पटवारी संदेह के घेरे में नहीं आया है।
एफसीआर के पत्र में उपायुक्तों से कहा गया है कि वे ‘भ्रष्ट’ पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।