चंडीगढ़, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दो किसान संगठनों के साथ सोमवार को बैठक की, ताकि केंद्र पर उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके और एक संयुक्त आंदोलन किया जा सके। किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई जीतने के लिए जनता का समर्थन बहुत जरूरी है।
किसान संगठनों के बीच एकता पर जोर देते हुए तीनों संगठनों के नेताओं ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों के लिए एकजुट लड़ाई की रूपरेखा तैयार करने को लेकर 18 जनवरी को एक और बैठक आयोजित करने का फैसला किया।
एसकेएम ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। बाद में ये कानून निरस्त कर दिए गए।
संयुक्त किसान मोर्चा फिलहाल एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के आंदोलन का हिस्सा नहीं है। पिछले साल 13 फरवरी से खनौरी और शंभू सीमा स्थलों पर किसानों के दिल्ली मार्च को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था।
डेढ़ महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के ‘‘बिगड़ते’’ स्वास्थ्य के मद्देनजर प्रदर्शनकारी किसानों के अनुरोध पर बैठक 15 जनवरी के बजाय 13 जनवरी को की गई।
एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, रमिंदर पटियाला और युद्धवीर सिंह ने पटियाला के पतरान में आयोजित दो घंटे की बैठक में भाग लिया। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम की ओर से सरवन सिंह पंढेर, काका सिंह कोटरा, अभिमन्यु कोहाड़, सुरजीत सिंह फुल, सुखजीत सिंह हरदोझंडे और गुरिंदर सिंह भंगू मौजूद थे।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए तीनों संगठनों के नेताओं ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। केएमएम नेता पंढेर ने कहा, ‘‘हमने 18 जनवरी को एक और बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन में जीत सुनिश्चित करने और किसानों की मांगों को मनवाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। लोग चाहते हैं कि सभी एकजुट होकर लड़ें।’’
एसकेएम नेता उगराहां के अनुसार, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एसकेएम, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के कोई भी किसान नेता एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारे दुश्मन और मुद्दे एक ही हैं और हमें एक संयुक्त लड़ाई लड़नी है।’’
केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकता बनाने के लिए एसकेएम द्वारा एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को बैठक के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद यह बैठक आयोजित की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। लंबे समय से उपवास के बावजूद उन्होंने अब तक कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई है।
इस बीच, एसकेएम (गैर-राजनीतिक), केएमएम और एसकेएम के सदस्यों ने कृषि विपणन पर केंद्र की मसौदा नीति की प्रतियां जलाईं।