दिल्ली चुनाव: भाजपा ने सरकारी संस्थानों में ‘केजी से पीजी’ तक मुफ्त शिक्षा सहित किए कई वादे

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नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र (घोषणापत्र) का दूसरा भाग जारी किया।

ठाकुर ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की, जिसमें सरकारी संस्थानों में किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर स्तर तक के जरूरतमंद छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा शामिल है। घोषणापत्र में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और राज्य पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का भी वादा किया गया है, जिसमें दो प्रयासों के लिए 15,000 रुपये की पेशकश की गई है।

पार्टी ने भीमराव आंबेडकर स्टाइपेंड योजना के तहत, आईटीआई और पॉलिटेक्निक कौशल केंद्रों में तकनीकी पाठ्यक्रमों की शिक्षा लेने वाले अनुसूचित जाति समुदाय के छात्रों को हर महीने 1,000 रुपये का वजीफा देने की घोषणा की।

भाजपा ने 10 लाख रुपये के जीवन बीमा और ड्राइवरों के लिए 5 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा का वादा करते हुए एक ऑटो-टैक्सी चालक कल्याण बोर्ड के गठन का भी वादा दिया है। इसी तरह, पार्टी ने घरेलू कामगारों के लिए एक कल्याण बोर्ड बनाने का भी वादा किया है, जिसमें समान बीमा लाभ हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगर भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आती है तो आप सरकार की ‘अनियमितताओं’ और ‘घोटालों’ की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करेगी।

ठाकुर ने दिल्ली में जल जीवन मिशन को लागू करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की और सत्ता में आने पर बुनियादी ढांचे में सुधार और कल्याण के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।

इससे पहले, 17 जनवरी को केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के घोषणा पत्र का पहला हिस्सा जारी किया था। इसमें मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने का आश्वासन और 60-70 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2,500 रुपये की मासिक पेंशन और 70 वर्ष से अधिक लोगों के लिए 3,000 रुपये की मासिक पेंशन जैसे वादे शामिल थे।

महिलाओं के लिए पार्टी ने मातृ सुरक्षा वंदना योजना शुरू करने की घोषणा की थी जिसके तहत छह पोषण किट और प्रत्येक गर्भवती महिला को 21,000 रुपये दिए जाने का वादा शामिल है।

भाजपा ने आखिरी बार 27 साल पहले दिल्ली की सत्ता संभाली थी। इसके बाद से वह यहां की सत्ता से बाहर है। पार्टी 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में क्रमशः केवल तीन और आठ सीट ही हासिल कर पाई है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा और नतीजे आठ फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

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