विश्व में परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा

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आज के इस आधुनिक युग में परमाणु युद्ध की संभावना बहुत प्रबल हो गई है । आज लगभग सभी देशों के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं । इसी कारण परमाणु युद्ध की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।  आज के आधुनिक दौर में कहीं ना कहीं किसी न किसी  देश के मध्य में युद्ध  निरंतर चलता रहता है। जिससे परमाणु युद्ध की संभावना को बल मिलता है। परमाणु युद्ध से न केवल मानवता को खतरा है  अपितु  पशु पक्षी  जल के अंदर निवास करने वाले जीवों  पर भी प्राणों का संकट बना रहता है ।  हाल ही में तकरीबन तीन साल से रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध का संघर्ष जारी है जिसमें यूक्रेन को भारी नुकसान और तबाही का सामना करना पड़ा है ।  वही रूस को भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं सारे विश्व पर आज परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इसराइल ईरान के मध्य भी युद्ध हुआ था । आज के दौर में इसी कारण से समस्त विश्व में अशांति का माहौल है। अब तो विश्व में हाइड्रोजन बम भी आ गए हैं जो परमाणु बम से कई गुणा अधिक शक्तिशाली एवं विनाशकारी हैं और यह कई देशों के पास मौजूद भी हैं। उत्तर कोरिया के पास  हाइड्रोजन बम मौजूद है जो भविष्य में बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है।  

 

परमाणु बम की तबाही इससे पहले भी मानव देख चुके है जब 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने  जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम से हमला किया था।  उस हमले में जापान की 50 फीसदी आबादी समाप्त हो गई थी ।और मानवता शर्मिन्दा हो गई थी क्योंकि उस दिन  मानव ही मानवता का शत्रु बन गया था । मानव ने ही अपने हाथों से कर दी थी मानवता की हत्या। चीन आये दिन छोटे-छोटे देशों को धमका कर विश्व की शांति को भंग करने का प्रयास करता है। अब तो मानव मानव से ही डरता है। यदि ऐसे ही चलते रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मानव ही  इस  पृथ्वी का अंत कर देगा।  कोरोना काल भी एक प्रकार से देखा जाए तो परमाणु बम ही था।  मानव द्वारा मानव के  अंत के लिए, बनाया गया वायरस के  रूप में परमाणु बम  जिससे लाखों लोगों की मृत्यु हो गई थी और मानव जाति त्राहिमाम- त्राहिमाम कर रही थी।  कोरोना वायरस  चीन द्वारा बनाया गया चीन द्वारा वायु में चलाया गया परमाणु बम था।

 मानव विश्व विजयी बनने की चाह में ,विश्व का सम्राट बनने की चाह में,यह क्यों भूल जाता है  कि अगर मानव जाति नहीं रही और यह सृष्टि नहीं रही तों मानव  शासन किस पर करेगा ? शासन करना है तो प्रेम  मानवता से करें। यदि राज करना है तों सेवा की भावना से मानवता की सेवा करके  मानव के हृदय के सम्राट बनो।

विश्व का सर्वनाश करके  कोई क्या पाएगा, किसी ने क्या पाया है ? यदि पृथ्वी ही नहीं रही  तो कौन किस पर राज करेगा और किस पर हुक्म चलाएगा। यदि परमाणु युद्ध आरंभ हुआ तों मानव अपनी  मौत खुद मरेगा और सृष्टि का भी सर्वनाश कर देगा। आज विश्व को शांति की जरूरत है, क्रांति की नहीं ।

 

 आधुनिक युग में संपूर्ण विश्व को  भारत के प्राचीन ज्ञान की जरूरत है, परमाणु बम की नहीं । मानव का जीवन बड़े भाग्य से मिला है तो मानवता का कल्याण करें . मानवता का समूल नाश करके कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। हमें आज जरूरत है शांति की। तभी हम सभी मानव का कल्याण होगा।