न्यायालय का टीडीएस प्रणाली को खत्म करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार

0
Supreme-Court (2)

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आयकर अधिनियम के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) ढांचे को खत्म करने के अनुरोध के साथ दायर की गयी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह “हर जगह” लगाया जाता है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने हालांकि वकील अश्विनी उपाध्याय को उनकी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर करने की अनुमति दे दी।

पीठ ने कहा कि याचिका “बहुत खराब तरीके से तैयार की गई” है और इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए।

सीजेआई ने कहा, “माफ कीजिए, हम इस पर विचार नहीं करेंगे… यह बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गयी है। हालांकि, आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि कई देशों में टीडीएस लगाने की व्यवस्था है।

अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दायर याचिका में टीडीएस प्रणाली को “मनमाना और तर्कहीन” बताते हुए इसे समाप्त करने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया गया तथा इसे समानता सहित विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।

याचिका में आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस ढांचे को चुनौती दी गई है, जो भुगतानकर्ता द्वारा भुगतान के समय कर की कटौती और उसे आयकर विभाग में जमा करने को अनिवार्य बनाता है। कटौती की गई राशि को दाता की कर देयता में समायोजित किया जाता है।

याचिका में केंद्र, विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधि आयोग और नीति आयोग को पक्ष बनाया गया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *