मुख्यमंत्री नायडू दूरदर्शिता और विकास दरों के नाम पर समय काट रहे : वाई एस शर्मिला

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अमरावती, 17 जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने तथा दूरदर्शिता एवं विकास दर की आड़ में समय काटने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला ने शुक्रवार को इस बात पर बल दिया कि विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) राज्य के लिए एकमात्र उपाय है।

विपक्षी नेता ने कहा कि राज्य के समक्ष मौजूद सभी कठिनाइयों के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) ही एकमात्र उपाय है, चाहे वह विकास का मुद्दा हो या धन प्राप्ति का या उद्योग स्थापित करने का या युवाओं के लिए रोजगार सृजन का मुद्दा हो।

शर्मिला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लोगों ने आप पर (नायडू पर) भरोसा किया और आपको वोट देकर सत्ता में पहुंचाया लेकिन आपने दूरदर्शिता एवं विकासदर की आड़ में समय बिताने के लिए वादों को दरकिनार कर दिया।’’

शर्मिला की यह टिप्पणी नायडू के ‘स्वर्णआंध्र 2047 विज़न’ तथा हाल में जारी जीएसडीपी वृद्धि अनुमान के मद्देनजर आई है, जिसमें वार्षिक वृद्धि दर 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख नायडू ने 2024 के आम चुनाव से पहले ‘सुपर सिक्स’ चुनावी वादों के नाम पर बहुत आकर्षक बातें की थीं लेकिन वह अब कह रहे हैं कि इन्हें तभी लागू किया जा सकता है जब आय बढ़ेगी।

‘सुपर सिक्स’ योजनाओं में 19 से 59 वर्ष तक की प्रत्येक महिला को 1,500 रुपये मासिक पेंशन, युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियां या 3,000 रुपये मासिक बेरोजगारी सहायता और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल है।

अन्य योजनाओं में हर स्कूली बच्चे को प्रति वर्ष 15,000 रुपये, प्रत्येक परिवार को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर और प्रत्येक किसान को 20,000 रुपये वार्षिक वित्तीय सहायता शामिल है।

शर्मिला ने कहा कि मुख्यमंत्री अब अजीबोगरीब दावे कर रहे हैं कि राज्य ऋण नहीं जुटा सकता, प्रति व्यक्ति आय बढ़ानी होगी और जनसंख्या एक संपदा है, जबकि वह ‘अपने वादे पूरे करने में सक्षम नहीं हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम उनसे सीधा सवाल पूछ रहे हैं। चुनाव के दौरान क्या आपको (नायडू) नहीं पता था कि सुपर सिक्स वादे करते समय राज्य पर 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था? क्या आपको नहीं पता था कि सुपर सिक्स के लिए हर साल दो लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी?’’

उन्होंने तेदेपा प्रमुख से प्रश्न किया कि क्या वह नहीं जानते थे कि उनके चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य का पूरा बजट लगा देने के बाद भी घाटा बना रहेगा।

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