पत्नी पति की हमराज, दोस्त, मां, बहन, सबकुछ होती है। पत्नी पति हर सुख दुख में एकसाथ रहते हैं। तभी तो दोनों को एक दूसरे का हमदम कहा जाता है। यदि आप भी चाहती हैं अपने उनकी हमदम बने रहना तो आपको कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना होगा। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ अच्छाइयां जरूर होती हैं, इसलिए जब भी उनके बारे में बातचीत करें तो उनकी अच्छाइयों का उल्लेख भी करें और प्रशंसा भी। अक्सर विवाहोपरांत पत्नियां अपने व्यक्तित्व के प्रति सजग नहीं रहती। यह गलत है क्योंकि अधिकतर पति अपनी संगिनी को आकर्षक देखना चाहते हैं इसलिए आपको चाहिए कि आप अपने व्यक्तित्व का पूरा ध्यान रखें। पत्नी को चाहिए कि वह पति की मानसिकता को समझने का प्रयास करें और स्वयं को उसी अनुरूप ढालने की कोशिश करें। पति परेशान हों तो बार-बार उनकी परेशानी को न पूछें पर प्यार से समय की नजाकत को समझते हुए बात करें। एक दम बाहर से आते ही प्रश्नों की बौछार न करें। प्यार से स्वागत कर चाय नाश्ते के पश्चात ही जिक्र करें। बिजनेस के हालात ठीक न होने पर या नौकरी में किसी कारणवश तालमेल ठीक न बैठने पर उनसे समझदारी पूर्वक बात करें और चर्चा करें ताकि सही हल निकाला जा सके। उनकी बातों को सहानुभूति पूर्वक सुनें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं। यदि आप अधिक पढ़ी लिखी हैं तो इस बात को पति पर बार-बार जाहिर न करें, ही उनकी कम पढ़ाई का उन्हें ताना मारें। पढ़ी लिखी महिलाओं के मुंह से ऐसी बातें अशोभनीय लगती हैं और इससे पुरूषों के अहम को भी ठेस पहुंचती है। ऐसे में थोड़ी समझदारी ही आपको मान-सम्मान दिलवाएगी। पति अगर बेरोजगार हैं और आप काम करती हैं तो ऐसे में उन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव तो पड़ेगा ही। ऐसी परिस्थिति में आप उन्हें यह महसूस कराएं कि आप उनके साथ हैं, घबराने की कोई बात नहीं। घर का खर्च तो चल ही रहा है। सकारात्मक बातों से उनका विश्वास जगाएं। पति पत्नी के रिश्तों में लुकाव-छिपाव न होकर सच्चाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। अपने थोड़े समय के बचाव हेतु झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए बल्कि डट कर मुकाबला करना चाहिए। कोई काम करने का फैसला लेने से पूर्व पति की सलाह ले लें। कुछ लेन देन के मामले में भी पति को भी विश्वास में लें। अकस्मात कुछ फैसला लेना पड़े या लेन देन करना पड़े तो पति को बाद में पूरी बात की जानकारी दें। पति पत्नी मिलकर घर परिवार की जिम्मेदारियों को निभाएं, तभी उनका वैवाहिक जीवन खुशनुमा भी बना रह सकता है और आप अपने उनकी हमराज और हमदम भी बने रहे सकती हैं।