नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) इंडियाबुल्स रियल एस्टेट (आईबीआरईएल) और एम्बैसी ग्रुप को बड़ी राहत देते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने प्रक्रिया पर रोक लगाने वाले एनसीएलटी के आदेश को खारिज करते हुए दोनों रियल एस्टेट कंपनियों के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की दो सदस्यों वाली पीठ ने कहा, “हम एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ के विवादित आदेश को खारिज करते हैं और अपीलकर्ताओं (इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, एम्बैसी वन और एनएएम एस्टेट्स) के बीच विलय की योजना को मंजूरी देने की अपील को स्वीकार करते हैं।”
विलय पिछले 18 महीनों से रुका हुआ था, क्योंकि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की चंडीगढ़ पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), शेयर बाजारों, कंपनी पंजीयक से सभी नियामकीय मंजूरियां और संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से अनुमोदन के बावजूद मई, 2023 में इसकी अनुमति रोक दी थी।
एनसीएलएटी ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण को मानक निर्धारित मूल्यांकन विधियों में से किसी एक का उपयोग करके विशेषज्ञों द्वारा किए गए मूल्यांकन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों तथा प्रासंगिक न्यायिक उदाहरणों पर गौर करने के बाद हम मानते हैं कि एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने अपीलकर्ता कंपनियों के शेयरधारकों, ऋणदाताओं और निदेशक मंडल के वाणिज्यिक विवेक की अनदेखी करते हुए योजना में हस्तक्षेप करके गलती की है।”
एनसीएलटी ने योजना के तहत मूल्यांकन और अदला-बदली अनुपात पर आयकर विभाग की आपत्ति के आधार पर अपनी अनुमति रोक ली थी। हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने पाया कि कार्यवाही के दौरान, विभाग ने बाद में योजना की मंजूरी न्यायाधिकरण के विवेक पर छोड़ दी थी।