राजनीति में हो युवाओं की भागीदारी, इसे वंशवाद में यकीन रखने वालों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता: मोदी

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अहमदाबाद, नौ दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि युवाओं को राजनीति में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि इसे उन सबके भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता जो केवल वंशवाद की राजनीति में विश्वास करते हैं और इसे पारिवारिक संपत्ति मानते हैं।

साणंद शहर के पास लेखंबा गांव में रामकृष्ण मठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य की दिशा में ‘‘एक नयी शुरुआत’’ करने के लिए स्वामी विवेकानंद की जयंती पर दिल्ली में युवा नेताओं का संवाद आयोजित किया जाएगा।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के संस्थापक आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद का मानना ​​था कि राष्ट्र के विकास के लिए युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि हमारे युवा राजनीति में भी देश का नेतृत्व करें, क्योंकि हम इसे उन लोगों के हाथों में नहीं छोड़ सकते जो केवल वंशवाद की राजनीति में विश्वास करते हैं। हम राजनीति को उन सबके हाथों में नहीं सौंप सकते जो राजनीति को अपने परिवार की संपत्ति मानते हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए हम एक नयी शुरुआत करने जा रहे हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर हम दिल्ली में युवा नेता संवाद का आयोजन कर रहे हैं। इसमें 2,000 चयनित युवा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे, जबकि करोड़ों युवा प्रौद्योगिकी की मदद से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में युवा भारत को विकसित देश बनाने के संकल्प पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बात का खाका तैयार किया जाएगा कि राजनीति में युवाओं की भागीदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारा संकल्प लगभग एक लाख प्रतिभाशाली और ऊर्जावान युवाओं को राजनीति में लाने का है। ये युवा देश का भविष्य और भारत की राजनीति का नया चेहरा बनेंगे। हमारा देश स्वामी विवेकानंद के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन में गुजरात की महत्वपूर्ण भूमिका रही, क्योंकि अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान वह राज्य के कई स्थानों पर रुके थे। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार स्वामी विवेकानंद से जुड़े सभी स्थानों को जोड़ने वाले एक पर्यटन सर्किट के विकास के लिए खाका तैयार कर रही है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 1979 में मोरबी में बांध टूटने, 2001 में आए भूकंप तथा 2006 में सूरत में आई विनाशकारी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय गुजरात के लोगों की मदद करने के लिए रामकृष्ण मठ की प्रशंसा की।

कार्यक्रम के दौरान प्रार्थना कक्ष, साधु निवास और भोजन कक्ष का उद्घाटन किया गया। रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी गौतमानंद ने लेखंबा में नवनिर्मित सुविधाओं की शुरुआत की।

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