दैनिक जीवन की चुनौती, अनियमित जीवनचर्या, अहितकर भोजन के चलते युवाओं में शारीरिक समस्याएं बढ़ रही हैं। कम उम्र में ही उनकी काया बूढ़ी हो रही है। बालों की सफेदी एवं आंखों की कमजोरी को तो छिपाया जा सकता है किन्तु तन की निर्बलता को छिपा पाना कठिन होता है। भाग-दौड़ वाली व्यस्त जिंदगी में पग-पग पर ख्वाब को पूरा करने की ख्वाहिश में और काम पाने के क्रम में एक ही स्थिति में घंटों बिताना, समय पर सही भोजन न करना, नींद पूरी न लेना अब सर्व साधारण बात हो गई है। वर्तमान पीढ़ी की यह व्यस्तता, चिंता एवं चक्कर उसके शरीर को तबाह कर रहा है। आज का युवा पढ़ाई, प्रतिस्पर्धा एवं जॉब के चक्कर में समय पर न उचित भोजन कर पा रहा है, न जल्दी सो व जल्दी जागकर अपनी नींद पूरी कर पा रहा है। वह शरीर की देखभाल तक भूल गया है। यही युवा की काया को कबाड़ कर रहा है और जवानी में उसे बूढ़ा बना रहा है। कम उम्र में बालों का सफेद होना, भरपूर नींद का न आना, रीढ़ की समस्या एवं दर्द से हड्डियों का कमजोर होना, नजर कमजोर होना, तनाव से दिल का रोगी होना, थोड़े से काम से थक जाना आदि लक्षण जवानी में दिखने लगे हैं। यही तो युवा के कमजोर शरीर के लक्षण हैं। तनावपूर्ण अनियमित जीवन-शैली, अपौष्टिक आहार इसका मुख्य कारण है। युवाओं की जीवनशैली लगातार बदल रही है। काम का तनाव, लक्ष्य पाने एवं उसे पूरा करने की चाह में समय पर नींद न लेना, सही भोजन समय पर न ले पाना आम बात हो गई है। परेशानी के लक्षणµ लगातार तनाव का बने रहना। सिर दर्द बने रहना। चित्त अस्थिर होना। काम में मन नहीं लगना। पाचन प्रभावित होना। भूख न लगना। नजर कमजोर होना। आंखों के नीचे काले घेरे एवं सूजन होना। गाल पिचक जाना। त्वचा चमकहीन होना। जोड़ों, हड्डियों एवं मांसपेशियों में दर्द होना। बचाव उपाय µ एक ही स्थिति में लगातार न बैठें। समय पर भरपूर नींद लें। देर रात तक कंप्यूटर पर न बैठें। समय पर संतुलित पौष्टिक भोजन लें। एक साथ कई काम न करें। तनाव, अवसाद से बचें। चाय, काफी एवं नशे से दूर रहें। व्यायाम करें, विश्राम भी करें समय का महत्त्व समझें। आधुनिक तली-भुनी चीजों से बचें। पर्याप्त पानी समय-समय पर पीते रहें।