नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत से बैंक ऋण प्राप्त करने में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी साझा करने का आग्रह किया।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए वैकल्पिक वित्तपोषण मॉडल तलाशने के लिए तैयार है। साथ ही मंत्रालय प्रस्तावित औद्योगिक टाउनशिप में एमएसएमई के लिए विशेष क्षेत्र निर्धारित कर सकता है।
निर्यातकों ने बैंक ऋण में गिरावट पर चिंता जताई है, खासकर एमएसएमई खंड के लिए…निर्यातकों के अनुसार 2021-22 और 2023-24 के बीच रुपये के हिसाब से निर्यात में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन मार्च 2024 में बकाया ऋण 2022 के इसी महीने की तुलना में पांच प्रतिशत कम हो गया।
गोयल ने कहा, ‘‘ मुझे विस्तृत ब्यौरा दीजिए कि एमएसएमई को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्या बहुत अधिक गारंटी मांगी जा रही है? मान लीजिए कि ईसीजीसी (निर्यात ऋण गारंटी निगम) कवर उपलब्ध है, क्या वे (बैंक) तब भी गारंटी मांगते हैं, निर्यात ऋण की विफलता की स्थिति में जब ईसीजीसी द्वारा 90 प्रतिशत गारंटी ली जाती है तो वे किस तरह का ब्याज लेते हैं?’’
उन्होंने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘ यदि हमें और अधिक विशिष्ट प्रतिक्रिया मिलती है तो हम इस मुद्दे को बैंक के समक्ष उठा सकेंगे। ईसीजीसी अन्य सेवाओं पर भी विचार कर रही है, लेकिन मेरा निजी विचार है कि महंगे होने के बावजूद लोग अब भी बैंक जाकर ऋण लेना पसंद करेंगे, लेकिन हम वैकल्पिक वित्तपोषण मॉडल के विचार के लिए तैयार हैं।’’
मंत्रिमंडल ने अगस्त में देश में औद्योगिक पार्क/टाउनशिप स्थापित करने के लिए 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी थी।
ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघि, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा तथा प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल तथा कोप्पर्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे।
गोयल ने कहा, ‘‘ मुझे एमएसएमई के लिए निर्धारित विशेष क्षेत्र की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए खुशी हो रही है क्योंकि एमएसएमई के बिना किसी भी बड़े उद्योग का अस्तित्व में रहना मुश्किल है…’’
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उद्योग जगत, मंत्रालय की एकल खिड़की प्रणाली पहल पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे जाति, धर्म तथा भाषा के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और देश में फर्जी कहानी गढ़ रहे हैं।