प्रातः काल शौचादि के बाद नियमपूर्वक 10-15 मिनट कुछ योगासन प्राणायाम अवश्य करें। योगासन आदि के बाद यदि पेट में भारीपन, गैस आदि कोई भी कष्ट हो तो 9‘‘ ग् 6‘‘ ग् 1’’ गीले तौलिये को तहकर निचोड़ कर 30 मिनट के लिये पेड़ू पर रखने से तात्कालिक कष्ट दूर होता है। खाने के बीच में पानी न पिएं। यह हमारी आंतों द्वारा द्रवित पाचक रस को पतला व हानिकारक करके कब्ज, गैस, अपचन आदि कष्ट पैदा करता है। खाने के बाद गर्म पानी में थोड़ा नींबू का रस, पिसी हुई सोंठ व अजवाइन (नींबू न हो तो अमचूर का प्रयोग कर सकते हैं) सेंधा नमक डालकर प्रयोग करें। इससे पानी लाभदायक, पाचक, गैस कम करने व गैस निकालने में सुविधा करने वाला हो जायेगा। खाने के तुरंत बाद एक या दो चम्मच ईसबगोल की भूसी गर्म पानी के साथ लें। इससे दांतों में होने वाली खुश्की कम होगी तथा वायु निकलने में मदद होगी। खाने के बाद 8 सेकंड चित लेटना, 16 सेकंड दाईं करवट, 32 सेकंड बाईं करवट लेटने से पेट में हल्कापन आकर कभी-कभी वायु भी निकल जाती है। यदि शाम या रात को कोई कष्ट हो तो ऊपर की भांति ठंडे पानी की पट्टी 30 मिनट तक रखें। आराम होने पर या गर्म होते ही बदल दिया जाये। उपरोक्त क्रियाओं से गैस से तात्कालिक आराम तो होगा ही, आगे भी आरामदायक स्थिति बनी रहेगी।