किसी को दुःख न पहुंचाएं। घर का वातावरण सुखद बनाएं। जीवन में सत्य को प्रमुखता दें। एक झूठ छिपाने के लिए अधिक झूठ का सहारा लेना पड़ता है। भगवान के प्रति धन्यवादी रहें। भगवान पर पूरा विश्वास रखें। क्रोध से दूर रहें। क्रोध स्वास्थ्य का शत्रा है। स्वयं को तथा औरों को भी ऐसे वातावरण से दूर रखें। मधुर वचन बोलें। आलस्य को अपने जीवन में प्रवेश न करने दें। आलस्य से शरीर पर कुप्रभाव पड़ता है। कुछ आदर्शों और सिद्धान्तों को जीवन में ढालने का अवश्य प्रयास करें। चिंता न करें। चिंतन से अपनी समस्याओं के समाधान ढूंढने का प्रयास करें। बड़ों के प्रति आदर भाव रखें। अपने कर्तव्यों से मुख न मोड़ें। अपने आदर्श दूसरों पर जबरदस्ती न थोपें। खुद आदर्शवादी बन कर दिखाएं। अपनी सफलता पर इतरायें नहीं। अपनी असफलता से कुछ सीखें। हिम्मत न हारें। ज्ञान बांटने से बढ़ता है। आवश्यकता पड़ने पर ज्ञान बांटें। दूसरों से शिक्षा लेने के अवसर तलाशते रहें। दूसरों पर निर्भर रहना ठीक नहीं। दान देने से धन कभी घटता नही। इस प्रकार जरूरतमंदों पर कुछ धन अवश्य खर्च करें। दूसरों के सामने स्वयं को दीन-हीन महसूस न करें। परिश्रम सफलता की कुंजी है। परिश्रम करें, सफलता आपके कदम चूमेगी। किसी की निंदा न करें। बेवजह दूसरों की चापलूसी न करें। अच्छे नियम अपनाते रहें। नियमों का उल्लंघन न करें। आत्मविश्वासी बनें। दूसरों में प्यार बाटें। व्यवहारिक बनें। अपने अच्छे व्यवहार से दूसरों को जीतें। मित्रों और संबंधियों पर अंधा विश्वास न करके न चलें। अतिथि सत्कार करें। बच्चों को भी अतिथि सत्कार सिखायें। समय निकाल कर कुछ समाज सेवा अवश्य करें। हर जगह हर काम में अपने सुख और लाभ को न ढूंढें।