भारतीय आवास बाजार में सुस्ती, रियल एस्टेट कंपनियों की उम्मीदें बजट पर टिकीं

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नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) भारत में 2024 में नए घरों की बिक्री में महामारी के बाद पहली बार गिरावट आई। आवास कीमतों में तेज वृद्धि और कर्ज की ऊंची लागत के कारण घर खरीदार कम हुए।

रियल एस्टेट उद्योग अब अनुकूल आर्थिक स्थितियों के लिए आगामी बजट पर नजर गड़ाए है। इसके बाद ही मांग फिर से बढ़ने की उम्मीद है।

कोविड महामारी के बाद लगातार तीन साल तक शानदार वृद्धि के बाद भारतीय आवास बाजार में मंदी आई है। पिछले वर्ष के उच्च आधार, नए घरों की आपूर्ति में गिरावट और मूल्य वृद्धि के कारण ऐसा हुआ।

देश की प्रमुख संपत्ति सलाहाकर एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने वर्ष 2024 को भारतीय आवास बाजार के लिए मिला-जुला बताया। उन्होंने कहा कि किफायती आवास खंड की मांग कमजोर रही, लेकिन लक्जरी घरों की बिक्री और पेशकश मजबूत रही।

एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार को 2024 के दौरान बिक्री की मात्रा में मामूली चार प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा। वर्ष 2020 में 47 प्रतिशत की गिरावट के बाद, 2021, 2022 और 2023 में घरों की बिक्री में क्रमशः 71 प्रतिशत, 54 प्रतिशत और 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय आवासीय रियल एस्टेट बाजार 300 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है।

महामारी के बाद अति-धनी लोगों ने पेशकश के समय ही शानदार फ्लैट, विला और पेंटहाउस खरीदना शुरू कर दिया और ऐसा इस साल भी जारी रहा।

रियल एस्टेट डेवलपर की लंबे समय से मांग है कि आयकर अधिनियम के तहत आवास ऋण पर ब्याज की कटौती सीमा में वृद्धि की जाए, ताकि घरों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके।

ऐसे में ज्यादातर रियल एस्टेट कंपनियों ने लक्जरी आवासीय परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका नेतृत्व रियल्टी कंपनी डीएलएफ लिमिटेड ने किया। कंपनी ने गुरुग्राम में एक सुपर लक्जरी परियोजना ‘द डहलियाज’ पेश की, जिसमें लगभग 400 इकाई शामिल हैं और जिसका अनुमानित बिक्री मूल्य 26,000 करोड़ रुपये है।

क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘2024 भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक और यादगार वर्ष रहा है, जिसमें उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि और किराये पर लेने के बजाय घर खरीदने की ओर रुझान बढ़ा। इस वजह से आवास क्षेत्र की मांग अब भी मजबूत बनी हुई है।’’

उन्होंने कहा कि लक्जरी खंड ने विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, जो भारतीय घर खरीदारों की बढ़ती इच्छा को और पुष्ट करता है, जो अब बेहतर जीवनशैली वाले बड़े घर चाहते हैं।

आवासीय खंड के विपरीत, कार्यालय बाजार में इस साल पट्टे पर कार्यास्थल की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए कोवर्किंग ऑपरेटर ऑफिस ने इस साल सफलतापूर्वक अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पेश किया। स्मार्टवर्क्स और इंडीक्यूब स्पेस ने भी आईपीओ लाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन किए हैं।

ई-कॉमर्स कारोबार में उछाल और भारत में विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने पर सरकार के ध्यान के साथ, इस साल औद्योगिक और लॉजिस्टिक खंड की मांग तेज बनी रही।

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